फूल आने से पहले ही नष्ट कर दें गाजर घास
यह खरपतवार खेती मनुष्य पशु एवं पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है।
जागरण संवाददाता, पलवल : गाजर घास गाजर के पत्तों की तरह दिखने वाला खरपतवार है, जो कि फसलों, पशुओं तथा मानव के लिए नुकसानदायक है। गाजर घास को कांग्रेस घास, चटक चांदनी, कड़वी घास आदि नामों से भी जाना जाता है। यह खरपतवार मेक्सिको, अमेरिका से अंजाने में आयातित खरपतवार है। इसके फैलाव के लिए सबसे जरूरी है कि फूल आने से पहले ही उसे नष्ट कर दें।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. महावीर सिंह मलिक के अनुसार गाजर घास एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। यह खरपतवार खेती, मनुष्य, पशु एवं पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। गाजर घास या कांग्रेस घास के पौधे पर 15 से 70 हजार तक बीज बनते हैं तथा ये बीज जमीन पर गिरने के तुरंत बाद नमी मिलते ही अंकुरित होना शुरू हो जाते हैं। इसके बीज नदी, नालों व नहरों, सिचाई नाली तथा हवा द्वारा आसानी से एक जगह से दूसरी जगह फैल जाते हैं।
डॉ. मलिक के अनुसार गाजर घास के छूने से तथा इसके परागकणों के कारण मनुष्य तथा पशुओं में कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं। आदमी को दाद, खाज, खुजली, एलर्जी, दमा व बुखार आदि रोग हो सकते हैं तथा इसके खाने से पशुओं का दूध भी घट जाता है इसकी जड़ों में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ फसलों के बीज अंकुरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
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यूं करें गाजर घास पर नियंत्रण :
गाजर घास को फूल आने से पहले ही खेत की मेड, नालियों, पार्क, बाग, चरागाह तथा खाली जगह से कस्सी या खुरपी से काटकर या हाथ से उखाड़ कर नष्ट कर दें। खेतों से निराई-गुड़ाई करके इस खरपतवार को निकाल देना चाहिए। गैर कृषि क्षेत्रों में रसायनिक नियंत्रण के लिए ग्लाइफोसेट 42 फीसद शाकनासी दवा की 15 से 20 मिली मात्रा या मेट्राबीयूजिन 70 फीसद घुलनशील पाउडर की चार से पांच ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फूल आने से पहले छिड़काव कर देना चाहिए। इससे खरपतवार दवाई छिड़काव के एक सप्ताह के अंदर मर जाते है। खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग खाली प्लाटों, नालियों, नहरों, राजमार्ग, व रेल लाइन के किनारे खड़े खरपतवार पर ही करना चाहिये। फसल में कांग्रेस घास निराई, गुड़ाई या जुताई करके अथवा हाथ से उखाड़ देनी चाहिए। जैविक विधि में मैक्सिकन बीटल जाएकोग्रामाब्राइको लाईटा परजीवी कीट गाजर घास ग्रसित स्थानों पर छोड़ दें।
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किसान गाजर घास को काटकर इसे गोबर के साथ मिलाकर इससे कंपोस्ट खाद भी बना सकते हैं। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की काफी मात्रा होती है। गाजर घास काटते या उखाड़ते समय मुंह पर कपड़ा व हाथों में दस्ताने तथा आंखों पर चश्मा लगा लेना चाहिए। खरपतवार नाशक दवाओं का प्रयोग वैज्ञानिकों की सलाह लेकर ही करना चाहिए।
- डॉ. महावीर मलिक, कृषि विशेषज्ञ