झिरका की केवल दो कॉलोनियों होंगी नियमित

सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा जिले की अवैध कालोनियों को नियमित करने के फैसले को क्षेत्र के लोगों ने सराहा है। लेकिन फिरोजपुर झिरका में इसको लेकर नाराजगी देखी जा रही है। क्योंकि सरकार ने यहां 17 में से केवल दो ही कालोनियों को नियमित करने फैसला किया है। जबकि नूंह की छह और पुन्हाना की नौ कालोनियों को सरकार द्वारा नियमित किया गया है..

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 05:15 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 05:15 PM (IST)
झिरका की केवल दो कॉलोनियों होंगी नियमित
झिरका की केवल दो कॉलोनियों होंगी नियमित

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर झिरका : सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा जिले की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के फैसले को क्षेत्र के लोगों ने सराहा है। लेकिन फिरोजपुर झिरका में इसको लेकर नाराजगी देखी जा रही है। क्योंकि सरकार ने यहां 17 में से केवल दो ही कॉलोनियों को नियमित करने फैसला किया है। जबकि नूंह की छह और पुन्हाना की नौ कॉलोनियों को सरकार द्वारा नियमित किया गया है। फिरोजपुर झिरका में केवल दो ही कॉलोनियों के नियमित करने से शहरवासियों में सरकार एवं पालिका प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी बनी हुई है।

नियमित होने की बाट जोह रहे कॉलोनी के निवासियों ने सरकार से पुन: इसपर विचार करने की मांग की है। बता दें कि पिछले लंबे समय से फिरोजपुर झिरका की करीब 15 अवैध कॉलोनियां नियमित होने की बाट जोह रही हैं। पार्षद मनीष जैन ने पूर्व में यहां तैनात रहे पालिका अभियंता पर आरोप लगाया कि एमई की मनमानी के चलते शहर की केवल ही दो ही कॉलोनियों को नियमित किया गया है। इनमें सिविल लाइन श्री शांति सागर जैन कॉलोनी पार्ट वन और रतनलाल कॉलोनी पार्ट वन को नियमित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में शीघ्र ही विभाग की मंत्री कविता जैन से बात कर बाकी कॉलोनियों को नियमित करने की मांग की जाएगी। मूलभूत सुविधाओं से महरुम लोग :

सरकार एवं शहरी निकाय विभाग की अनदेखी के चलते फिरोजपुर झिरका की 15 कॉलोनियों को नियमित होने की बाट है। इन कॉलोनियों के निवासी बिजली, पानी सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को तरस रहें हैं। कब होंगी नियमित नहीं पता :

कॉलोनियों के नियमित न होने के चलते यहां रहने वाले लोग बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। आलम ये है कि यहां कहीं पानी नहीं है तो कहीं सड़क नहीं है। बिजली तो इन्हें अवैध होने की वजह से मिलती ही नहीं। यही समस्या पानी की भी है। सीवरेज सहित तमाम ऐसी कई प्रकार की समस्याएं हैं लोगों को झेलनी पड़ रहीं हैं। दरअसल पिछले कुछ सालों में इन अवैध कॉलोनियों में अधिकांश आबादी बाहरी गांवों से आकर बसी है। इनके पास मताधिकार भी है। चुनाव के समय में नेता लोग इनसे वोट मांगने आते हैं लेकिन काम नहीं कराते।

chat bot
आपका साथी