समर्थन मूल्य पर बाजरे को बेचने के लिए किसान परेशान: रमजान चौधरी

जागरण संवाददाता, नूंह: जिले के किसानों को समर्थन मूल्य पर बाजरे की फसल को बेचने के लिए पाप

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Sep 2018 06:16 PM (IST) Updated:Sun, 09 Sep 2018 06:16 PM (IST)
समर्थन मूल्य पर बाजरे को बेचने के लिए किसान परेशान: रमजान चौधरी
समर्थन मूल्य पर बाजरे को बेचने के लिए किसान परेशान: रमजान चौधरी

जागरण संवाददाता, नूंह:

जिले के किसानों को समर्थन मूल्य पर बाजरे की फसल को बेचने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। सरकार ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1950 रुपये तय तो कर दिया, लेकिन इस समर्थन मूल्य पर फसल को बेचने के लिए किसानों को अब ई-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके आधार पर पहले ही उन्हें यह बताना होगा कि वे अपनी कितनी फसल बेचना चाहते हैं। जबकि फसल घर आने के बाद ही किसान तय कर पाता है कि उसे कितना बाजारा मंडी लेकर जाना है। इसके साथ-साथ रजिस्ट्रेशन में कई ऐसे नियम भी हैं जिन्हें किसान पूरा नहीं कर पा रही हैं। उक्त बातें स्वराज इंडिया सदस्य रमजान चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं।

उन्होंने कहा कि अभी तक जिले में कोई सरकारी खरीद केंद्र स्थापित नहीं किया गया है और ना ही विभाग के पास ऐसे कोई निर्देश आए हैं। जबकि ई-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 15 सितंबर रखी गई है। उन्होंने कहा कि नूंह जिले में अधिकतर किसान एंड्रोयड फोन चलाना नहीं जानते। ऐसे में वो मंडी, कंप्यूटर कैफे, हैफेड और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन नियमों को देखकर नहीं लगता कि 15 सितंबर तक 20 प्रतिशत किसान भी अपना आवेदन कर पाएं। जिसके बाद किसानों को अपना बाजरा एक हजार रुपये प्रति ¨क्वटल ही बेचना पड़ेगा। सरकार के इस न्यूनतम समर्थन मूल्य का सीधा फायदा फिर से आढ़तियों को ही पहुंचेगा।

फिर झूठा साबित होगा सरकार का दावा:

रमजान चौधरी ने कहा कि किसानों को दाना-दाना खरीदने का दावा करने वाली भाजपा सरकार का दावा फिर से फेल होगा। सरकार बाजरे की सरकारी खरीद 13 अक्टूबर से शुरू करेगी। जब तक दो तिहाई हिस्से का बाजरा पहले की बिक चुका होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रदेश में अनुमानित 95 लाख ¨क्वटल बाजरे की तैयारियां अधूरी हैं। इतने बड़े स्तर पर खरीद के लिए न कोई निर्देश जारी हुए हैं, न स्टोरेज की पूरी व्यवस्था है और न ही हैफेड को सरकार द्वारा पर्याप्त पूंजी दी गई है।

स्वराज इंडिया की टीम कराएगी किसानों का रजिस्ट्रेशन:

रजमान चौधरी ने बताया कि 14 सितंबर को 25 से 30 कंप्यूटर आपरेटरों की नूंह अनाजमंडी में व्यवस्था की जाएगी। जहां ये आपरेटर किसानों का ई-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए नई अनाजमंडी नूंह पहुंचे।

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