पदोन्नत हुए शिक्षकों की काउंसि¨लग में धांधली का आरोप

नियमों की अनदेखी व धांधली को लेकर सुर्खियों में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है। विभाग द्वारा हाल ही में जेबीटी शिक्षकों को पदोन्नत कर प्राईमरों स्कूलों का मुख्याध्यापक बनाया गया है। जिसमे पदोन्नत हुए शिक्षकों को स्कूल देने के लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा काउंस¨लग कराई गई है। शिक्षकों से लेकर आम लोगों का आरोप है कि इस काउंस¨लग में सांठगांठ व रिश्वतखोरी के चलते नियमों की अनदेखी के साथ ही जमकर धांधली की गई है। जिसके चलते उपायुक्त पंकज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 05:06 PM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 05:06 PM (IST)
पदोन्नत हुए शिक्षकों की काउंसि¨लग में धांधली का आरोप
पदोन्नत हुए शिक्षकों की काउंसि¨लग में धांधली का आरोप

जागरण संवाददाता, पुन्हाना:

नियमों की अनदेखी व धांधली को लेकर सुर्खियों में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है। विभाग द्वारा हाल ही में जेबीटी शिक्षकों को पदोन्नत कर प्राईमरी स्कूलों का मुख्याध्यापक बनाया गया है। जिसमें पदोन्नत हुए शिक्षकों को स्कूल देने के लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा काउंस¨लग कराई गई है।

शिक्षकों से लेकर आम लोगों का आरोप है कि इस काउंस¨लग में सांठगांठ व रिश्वतखोरी के चलते नियमों की अनदेखी के साथ ही जमकर धांधली की गई है। जिसके चलते उपायुक्त पंकज कुमार व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से काउंस¨लग को रद्द कराने के साथ ही सही तरीके से दोबारा काउंस¨लग कराने की मांग की है।

बता दें, कि हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा जिले के करीब 5 दर्जन जेबीटी शिक्षकों को पदोन्नत कर एचटी(हेड टीचर) बनाया गया है। पदोन्नत के बाद इन शिक्षकों को ऐसे प्राईमरी स्कूलों में भेजा जा रहा है जहां पर कोई मुख्याध्यापक नहीं है। इसके लिए विभाग द्वारा काउंस¨लग कराई गई। जिसके तहत शिक्षकों से आवेदन में 3-3 स्कूल चयन के लिए मांगे गए, लेकिन जब शिक्षकों को स्कूल देने का समय आया तो कई शिक्षकों को दो-दो तो कई को ऐसे स्कूल दे दिए गए, जिनको शिक्षकों द्वारा भरा ही नहीं गया था।

काउंस¨लग में विधवा से लेकर महिलाओं व अपंगों को पहले लिया जाना था, लेकिन इसके उल्ट मिलीभगत के चलते ऐसे शिक्षकों को मनचाहे स्कूल बांटे गए जो विभाग के कर्मचारियों से पहले ही सेट थे। जबकि महिलाओं द्वारा जिन स्कूलों को भरा गया वो उन्हें नहीं दिए गए हैं। इसके साथ ही आरोप है कि कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात कर्मचारी ने मिलीभगत के चलते कई स्कूलों का नाम तक लिस्ट में जाहिर नहीं किया और उन्हें चोरी-छिपे ही अलॉट कर दिया गया। मामले की कलई तक खुली जब पदोन्नत हुए शिक्षकों ने अलॉट किए गए स्कूलों की लिस्ट देखी और इसका विरोध करना शुरू कर दिया। काउंस¨लग में अगर कुछ भी गलत किया गया है तो उसकी जांच की जाएगी, अगर जांच में नियमों की अनदेखी पाई जाती है तो ऐसे करने वाले कर्मचारी के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।

कपिल पुनिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी नूंह।

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