डोर टू डोर कूड़ा उठा रही नगर पालिका की गाड़ी, सूखा व गीला कचरा अलग-अलग डाल रहे लोग
तावडू नगर पालिका प्रशासन द्वारा घर-घर कूड़ा उठाने की कवायद तेज हो गई है। इस व्यवस्था की महिलाओं ने सराहना की है। नगर पालिका प्रशासन कि यह प्रणाली शहर को स्वच्छ रखने में भी सहायक है। 45 सौ परिवारों को दो दो कूड़ेदान भी वितरित किए जा चुके हैं।
नूंह,जागरण संवाददाता। तावडू नगर पालिका प्रशासन द्वारा घर-घर कूड़ा उठाने की कवायद तेज हो गई है। इस व्यवस्था की महिलाओं ने सराहना की है। नगर पालिका प्रशासन कि यह प्रणाली शहर को स्वच्छ रखने में भी सहायक सिद्ध हो रही है। दरअसल, नगर पालिका तावडू द्वारा डोर टू डोर जाकर घरों से कूड़ा एकत्र करने को लेकर चार टाटा टिप्पर गाडिय़ां व दो ट्रैक्टर लगे हुए हैं। रोजाना सुबह छह बजे से शाम तक इस प्रक्रिया में लगे रहते हैं। नगर पालिका द्वारा करीब 45 सौ परिवारों को दो दो कूड़ेदान भी वितरित किए जा चुके हैं।
इनमें गीला व सूखा कचरा अलग-अलग डाला जाता है। नीले व हरे रंग के कूड़ेदान में गीला व सूखा कूड़ा डाला जाता है। जिसे नगर पालिका की गाड़ियों द्वारा घर से ही उठाकर डंपिंग स्टेशन पर पहुंचाया जाता है। शहरवासियों का कहना है कि नगरपालिका की इस प्रणाली से जहां शहर की सफाई व्यवस्था को चार चांद लग रहे हैं। वही बीमारियां पनपने से भी काफी हद तक बचाव हो रहा है।
क्या कहती हैं महिलाएं: स्थानीय निवासी पूनम देवी ने बताया कि निसंदेह नगर पालिका की कार्यप्रणाली की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। नगर पालिका द्वारा घर से ही कूड़ा उठाने से गली मोहल्ले में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रहती है। सुमन देवी का कहना है कि पालिका द्वारा गाड़ियों द्वारा घर से कूड़ा उठाने से पहले लोग लापरवाह थे जो कूड़े को इधर-उधर फेंक देते थे। जिससे बीमारियां पनपने का भी खतरा बना रहता था। भरपाई देवी ने बताया कि पहले लोग गली मोहल्ले में ही दाएं बाएं अपने घर के कूड़े को फेंक देते थे जिससे रास्तों से गुजरने वाले लोगों को बदबू के साथ परेशानियां होती थी।
पालिका प्रशासन द्वारा घर से कूड़ा उठाने की प्रक्रिया लोगों को खूब भा रही है। वहीं, नगर पार्षद शशिबाला ढल्ल ने बताया कि नगर पालिका की इस व्यवस्था से स्वच्छ भारत मिशन अभियान को मजबूती मिल रही है। महिलाओं को जहां इससे राहत मिली है वहीं गली मोहल्ले में परजीवी पनपने का खतरा भी कम हो गया है। तावडू नगर पालिका सचिव सुनील रंगा ने बताया कि शुरू में इसे ट्रायल के तौर पर चलाया गया था जिसकी कामयाबी को देखते हुए जरूरत के हिसाब से गाड़ियों की संख्या और बढ़ा दी जाएगी। स्थानीय प्रशासन द्वारा नगर के सभी वार्डों में डस्टबिन पहले ही बांटे जा चुके हैं।