कागजों तक ही सिमटी पिनगवां को सीएचसी का दर्जा देने की योजना

हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा उद्घाटन के 9 वर्ष बाद भी उपमंडल के कस्बा पिनगवां की पीएचसी भवन का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। जिससे 9 वर्ष बाद भी पीएचसी से लगते 39 गांवों के लोगों के लिए पिनगवां पीएचसी का सीएचसी बनना सपना बना हुआ है। कांग्रेस सरकार के बाद प्रदेश में बनी भाजपा सरकार से लोगों की उम्मीद थी कि भाजपा सरकार में उन्हें सीएचसी का लाभ जरूर मिल जाएगा, लेकिन भाजपा सरकार में भी उन्हें निराशा ही हाथ लग पाई है। भाजपा सरकार में इतना काम जरूर हुआ है कि भवन निर्माण का कार्य नींव से उठकर आधे-अधूरे भवन तक पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Nov 2018 04:49 PM (IST) Updated:Sun, 25 Nov 2018 04:49 PM (IST)
कागजों तक ही सिमटी पिनगवां को सीएचसी का दर्जा देने की योजना
कागजों तक ही सिमटी पिनगवां को सीएचसी का दर्जा देने की योजना

योगेश सैनी, पुन्हाना

हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा उद्घाटन के 9 वर्ष बाद भी उपमंडल के कस्बा पिनगवां की पीएचसी भवन का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इससे 9 वर्ष बाद भी पीएचसी से लगते 39 गांवों के लोगों के लिए पिनगवां पीएचसी का सीएचसी बनना सपना बना हुआ है। कांग्रेस सरकार के बाद प्रदेश में बनी भाजपा सरकार से लोगों को उम्मीद थी कि भाजपा सरकार में उन्हें सीएचसी का लाभ जरूर मिल जाएगा, लेकिन भाजपा सरकार में भी उन्हें निराशा ही हाथ लग पाई है। भाजपा सरकार में इतना काम जरूर हुआ है कि भवन निर्माण का कार्य नींव से उठकर आधे-अधूरे भवन तक पहुंच गया है।

बता दें, कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा प्रदेश के पिछड़े जिलों में नूंह को 90वां जिला मानते हुए मल्टी सेंकट्रोल विकास योजना के तहत पिनगवां पीएचसी को सीएचसी का दर्जा देकर 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर मेवात विकास अभिकरण एजेंसी को इसका कार्यभार सौंपा था और एजेंसी द्वारा इसके निर्माण का ठेका नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रकशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) कंपनी को दिया था। इस कंपनी ने भी योजना का काम सब ठेकेदार को दे दिया, जिसके चलते निर्माण कार्य ठेकेदारों के चक्कर में ही फंसकर रह गया है। भाजपा सरकार के 4 वर्ष बीत जाने के बाद अब लोगों को नहीं लगता कि पिनगवां सीएचसी का दर्जा भी मिल पाएगा। पिनगवां सीएचसी बनने से पिनगवां की 15000 से अधिक आबादी समेत लगभग 39 गांवों की 1 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हो रही है और लोगों को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में धक्के खाने पड़ रहे है। इतना ही स्टाफ के टोटे के चलते अब तो मेडिकल अफसर भी सप्ताह में मुश्किल दो दिन बैठते हैं। पिनगवां के सरपंच बिल्लू उर्फ संजय, पूर्व सरपंच अजरुन ¨सह, फकरूदीन, इब्राहिम चंदा पटेल, सुंदर, आदि लोगों का कहना है पिछली सरकार के कार्यकाल में यह योजना केवल फाइलों तक ही सिमट गई है, लेकिन भाजपा से इसे पूरे करने की उम्मीद है। मामला उनके संज्ञान में नहीं है, जल्द ही इसकी जानकारी लेते हुए पूरा प्रयास रहेगा कि जल्द ही सीएचसी भवन के निर्माण कार्य को पूरा कराया जा सके।

-राजीव बातिश, सिविल सर्जन नूंह।

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