दस दिनों में मांगें पूरी नहीं हुई तो बनाई जाएगी आंदोलन की रूपरेखा

चतुर्थ श्रेणी सरकारी कर्मचारी यूनियन का एक प्रतिनिधि मंडल कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर कार्यकारी जिला शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र श्योराण से जिला प्रधान गुलजारी लाल के नेतृत्व में मुलाकात की। प्रेस के नाम जारी बयान में जिला सचिव धर्मपाल ने बताया कि एजुसेट चौकीदारों को हाईकोर्ट के फैसले अनुसार 1 जून 2011 से 2

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 06:34 PM (IST) Updated:Wed, 21 Aug 2019 06:34 AM (IST)
दस दिनों में मांगें पूरी नहीं हुई तो बनाई जाएगी आंदोलन की रूपरेखा
दस दिनों में मांगें पूरी नहीं हुई तो बनाई जाएगी आंदोलन की रूपरेखा

जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़ : चतुर्थ श्रेणी सरकारी कर्मचारी यूनियन का एक प्रतिनिधि मंडल कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर कार्यकारी जिला शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र श्योराण से जिला प्रधान गुलजारी लाल के नेतृत्व में मुलाकात की। प्रेस के नाम जारी बयान में जिला सचिव धर्मपाल ने बताया कि एजुसेट चौकीदारों को हाईकोर्ट के फैसले अनुसार एक जून 2011 से 28 फरवरी 2019 तक एरियर का भुगतान किया जाए तथा उसके बाद से 7 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए।

जिला सचिव धर्मपाल ने मांग की कि जो कर्मचारी किसी कारण से हट गए हैं उनको भी उस समय तक जो एरियर बनता है वो भी दिया जाए। जो कर्मचारी स्कूलों में कार्यरत है और जिले की लिस्ट में नाम शामिल नहीं है उसका नाम जोड़ा जाए। स्कूल पार्ट टाइम कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 की सैंक्शन दी जाए।

उन्होंने मांग की कि कक्षा 6 से 8 व 9 से 12 में कार्यरत पार्ट टाइम को नए डीसी रेट के अनुसार कितना वेतन दिया जाए, उसके निर्देश भी स्कूलों के मुखियाओं को दिया जाए ताकि सभी कर्मचारियों का वेतन एक समान निकले। 11 नवंबर 2003 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी से वंचित पार्ट टाइम कर्मचारियों को नियमित किया जाए। उसके बाद लगे कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची की लिस्ट जिला प्रधान को दी जाए।

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नारनौल में उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए हेमसा के जिला सचिव एवं सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सुजान मालड़ा ने कहा कि शिक्षा अधिकारी के साथ मांग पत्र की एक-एक मांग पर चर्चा की उन्होंने आश्वासन दिया है कि आपका मांग पत्र पूरी सिफारिश के साथ संबंधित अधिकारी को भेज दिया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों को कहा कि ये मांग कोई नई मांग नहीं है इनको लेकर यूनियन गत 25 मई व 13 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारियों से मिल चुका है। लेकिन अधिकारी समस्याओं का समाधान की बजाय टरकाऊ नीति अपनाए हुए है।

उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को 10 दिन के अंदर-अंदर समाधान करने की मांग की। अगर सीमित समय में लंबित मांगों का समाधान नहीं होता है तो जिला स्तरीय बैठक बुलाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

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