प्रशासन के सख्त रवैये के बाद भी नहीं दौड़ी बसें

हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर केस दर्ज किए, कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया व चालकों को जबरदस्ती बसों पर चलाने के बाद भी हड़ताल खोलने में प्रशासन नाकाम रहा। हालांकि हड़ताल से यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा। क्योंकि नारनौल में कुछ रूटों पर तो पहले से ही परमिट की बसें दौड़ रही है व दिल्ली व राजस्थान जाने के कारण अधिक परेशानी नहीं हुई। प्रशासन ने दावा कि 51 बसों को रूट पर दौड़ाया गया लेकिन एक भी बस रूट पर नहीं दौड़ पाई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 07:24 PM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 07:24 PM (IST)
प्रशासन के सख्त रवैये के बाद भी नहीं दौड़ी बसें
प्रशासन के सख्त रवैये के बाद भी नहीं दौड़ी बसें

जागरण संवाददाता, नारनौल :

हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर केस दर्ज किए, कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया व हाल ही में भर्ती हुए चालकों को जबरदस्ती रूट पर भेजने के बाद भी बसें दौड़ नहीं पाईं। हालांकि हड़ताल से यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा। कारण यह कि नारनौल में कुछ रूटों पर तो पहले से ही परमिट की बसें दौड़ रही हैं। साथ ही राजस्थान रोडवेज की बसें भी यहां से गुजरती हैं। दूसरी ओर, प्रशासन ने दावा किया कि 151 में से 51 बसों को रूट पर दौड़ाया गया। हकीकत में एक भी बस रूट पर नहीं दौड़ पाई।

मंगलवार शाम करीब चार बजे से हड़ताल में शामिल हुए नारनौल डिपो के कर्मचारी बुधवार को भी हड़ताल पर रहे। डिपो की 151 बसों में से एक भी बस अपने रूटों पर नहीं गई। रोडवेज कर्मचारियों ने सुबह से ही डिपो के गेट के सामने धरने पर बैठकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सुबह करीब साढ़े नौ बजे तक कर्मचारी नारेबाजी करते रहे। इसके बाद मौके पर एसडीएम जगदीश शर्मा, एसपी विनोद कुमार, डीएसपी विनोद कुमार, महेश कुमार, तहसीलदार योगेश खुल्लर, डीडीपीओ कुलदीप, डिपो वर्कशाप मैनेजर अनीत कुमार सहित अधिकारी पहुंच गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को खदेड़ दिया। पुलिस 28 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर थाने ले गई। दूसरी ओर प्रशासन ने हड़ताल को बहाल करने के लिए हाल ही में भर्ती किए गए चालकों की ड्यूटी लगाकर 51 बसों को डिपो से रवाना किया। चालक बसों को लेकर महेंद्रगढ़ रोड पर पंचायत भवन के बाहर पहुंचे तो कर्मचारी नेताओं ने बसों को रुकवा लिया, उधर गांव नीरपुर की नहर के पास भी रेवाड़ी जाने वाली बसों को भी रोक लिया। बिना परिचालक दौड़ रहे चालकों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी व बसों को दोबारा से डिपो लाकर खड़ा कर दिया। दोपहर तक तो अधिकारी मौके पर रहकर बसों को रवाना करते रहे, लेकिन दोपहर बाद एक भी बस रवाना नहीं की जा सकी।

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54 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत केस दर्ज, 28 गिरफ्तार, छह को जेल

जागरण संवाददाता, नारनौल :

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन संबंधित महासंघ एवं सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंगलवार को देर शाम हड़ताल पर गए रोडवेज 54 कर्मचारियों पर पुलिस ने एस्मा के तहत केस दर्ज किया है। हड़ताल के दौरान प्रशासन ने 26 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। इनमें से छह कर्मचारियों को अदालत ने जेल भेज दिया है जबकि 22 कर्मचारी शांतिभंग में पाबंद किए गए। इनको ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने जमानत पर रिहा कर दिया। जेल भेजे गए कर्मचारियों की रिहाई की मांग को लेकर कर्मचारियों ने थाने में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

इससे पहले प्रशासन ने हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया। खुद एसपी विनोद कुमार बस स्टैंड पहुंचे और रोडवेज के अधिकारियों को बस संचालन में बाधा पैदा करने वाले कर्मचारी नेताओं को चिह्नित कराने को कहा। इसके बाद पुलिस ने सख्त रुख अपनाया और एक के बाद एक 28 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें शहर थाने में ले जाया गया। इसके अलावा 54 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत केस दर्ज किया गया। थाने ले जाए गए 22 कर्मचारियों को शांतिभंग में पाबंद किया गया। इन कर्मचारियों को रिहा करने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारी एस्मा एक्ट में गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों को छोड़ने की मांग पर भी अड़े थे। कर्मचारियों से मिलने देर शाम वर्कशाप मैनेजर अनीत कुमार पहुंचे लेकिन कर्मचारी छह कर्मचारियों की रिहाई पर अड़े रहे। कर्मचारियों का कहना था कि अगर छह कर्मचारियों को नहीं छोड़ा गया तो वे हड़ताल बहाल नहीं करेंगे।

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कर्मचारियों को लेकर घूमती रही पुलिस:

शांतिभंग में पाबंद किए गए 22 कर्मचारियों को लेकर पुलिस पूरा दिन यहां-वहां चक्कर काटती रही। वहीं एस्मा में गिरफ्तार किए गए छह कर्मचारियों को भी पुलिस बस में लेकर कोर्ट में बैठी रही। कर्मचारियों को देर शाम अदालत में पेश किया गया। 22 कर्मचारियों को शाम साढ़े छह बजे तक भी ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश नहीं किया गया था।

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