प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते क्षेत्र एनसीआर से बाहर हो रहे हैं: अशोक बुवानीवाला
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने केंद्र सरकार द्वारा ड्राफ्ट रिजनल प्लान 2021 के तहत दिल्ली-एनसीआर का दायरा घटाएं जाने के फैसले की आलोचना करते इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़:
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने केंद्र सरकार द्वारा ड्राफ्ट रिजनल प्लान 2021 के तहत दिल्ली-एनसीआर का दायरा घटाएं जाने के फैसले की आलोचना करते इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है। बुवानीवाला ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रुति चौधरी के प्रयास से दक्षिण हरियाणा के भिवानी, महेंद्रगढ़ और दादरी जैसे जिले एनसीआर में शामिल किए गए थे, ताकि भौगोलिक रूप से पिछड़े इन जिलों को विकास के पंख लगाए जा सकें। अब सत्ता में बैठे केंद्र व प्रदेश सरकार के राजनेताओं की उदासीनता के चलते ये क्षेत्र एनसीआर से बाहर हो रहा है। बुवानीवाला ने कहा कि इस फैसले के बाद केन्द्र व प्रदेश सरकार का दक्षिण हरियाणा विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया हैं। कांग्रेस सरकार में एनसीआर के अंतर्गत आने से यहां की जनता में एक उम्मीद जगी थी, क्योंकि प्रदेश सरकार के अलावा क्षेत्र के विकास मे अहम योगदान एनसीआर बोर्ड से भी किया जाना होता है। जिससे की एनसीआर की सीमा में शामिल शहर और कस्बे कनेक्टिग एक्सप्रेस वे, नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे या रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम जैसी योजनाओं से जुड़ सके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार नहीं चाहती की देश तरक्की करे और की पटरी पर दौड़े। बुवानीवाला ने कहा की इसी संकीर्ण मानसिकता के चलते भाजपा सरकार विकास कर तो नहीं सकती लेकिन जो काम कांग्रेस ने शुरू किए थे, उन्हे भी बंद जरुर कर सकती है। उन्होंने कहा कि भिवानी जिले में पूर्व मंत्री किरण चौधरी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के प्रयासों से खेल यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज जैसी योजनओं को लटकाने के बाद भाजपा ने क्षेत्र को एनसीआर से बाहर कर यहां की जनता के साथ एक और कुठाराघात किया हैं।