चार माह बाद खुला एटीएम से पैसे चोरी का राज, एटीएम इंजीनियर ने ही कराई थी चोरी

फोटो संख्या : 05 व 28 संभावित लीड - 8 लाख 40 हजार चुरा ले गए थे आरोपित, आठ लाख रुपये बर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Feb 2018 11:06 PM (IST) Updated:Tue, 27 Feb 2018 11:06 PM (IST)
चार माह बाद खुला एटीएम से पैसे चोरी का राज, एटीएम इंजीनियर ने ही कराई थी चोरी
चार माह बाद खुला एटीएम से पैसे चोरी का राज, एटीएम इंजीनियर ने ही कराई थी चोरी

फोटो संख्या : 05 व 28

संभावित लीड

- 8 लाख 40 हजार चुरा ले गए थे आरोपित, आठ लाख रुपये बरामद

- पांच लोग थे वारदात में शामिल, सभी पुलिस गिरफ्त में

- पेशे से इंजीनियर है मुख्य आरोपित, दूसरा दिल्ली में एटीएम में डालता है पैसे

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : रेलवे स्टेशन के बाहर लगे एटीएम से 8 लाख 40 हजार रुपये चोरी का राज चार माह बाद खुल गया है। एटीएम की रिपेयर करने वाला ही चोरी कराने का मुख्यारोपी था। पेशे से इंजीनियर मुख्यारोपी ने दिल्ली में एटीएम में पैसे डालने वाले अपने एक साथी सहित चार युवकों को साथ लेकर वारदात को अंजाम दिया था। एटीएम कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरों व एटीएम के समय में अंतर के चलते पुलिस की जांच उलझती रही। दोनों का सही मिलान करने के उपरांत पुलिस को सफलता मिली। पुलिस ने मामले में आठ लाख रुपये की रिकवरी की है। मामले में गिरफ्तार किए एक आरोपी को पुलिस ने एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है, जबकि अन्य न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।

29 अक्टूबर 2017 को रेलवे स्टेशन के एटीएम से हुई थी चोरी

29 अक्टूबर 2017 को रेलवे स्टेशन के बाहर लगे एसबीआई के एटीएम से नकदी चोरी हुई थी। बैंक के अधिकारियों को इस बारे में एक अक्टूबर को जानकारी उस समय लगी जब एटीएम की बेल्ट में एक नोट फंस जाने के कारण उससे पैसे की निकासी नहीं हो रही थी। इसके बाद कार्रवाई आरंभ हुई। एसबीआई की मुख्य शाखा के प्रबंधक कपिल अरोड़ा ने राजकीय रेलवे पुलिस थाने में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि एटीएम से 2000 रुपये के 420 नोट गायब हैं। पुलिस अधीक्षक रेलवे विनोद कुमार ने पुलिस उपाधीक्षक रेलवे शीतल ¨सह धारीवाल के नेतृत्व में राजकीय रेलवे पुलिस की अपराध शाखा प्रभारी महेंद्र पाल, राजकीय रेलवे पुलिस के थाना प्रभारी बलवीर ¨सह व सहायक उपनिरीक्षक ईशम ¨सह की टीम गठित की।

डंप मोबाइल डाटा से मिली पुलिस को सफलता

पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर मांग को आगे बढ़ाया। सीसीटीवी कैमरों में नजर आया कि दो युवक मुंह बांध कर एटीएम में आए है। एक युवक ने लगभग 70 सेकेंड किसी से मोबाइल पर बात की है। इसके आधार पर जांच को बढ़ाया तो वह कहीं मेल नहीं खाई। आखिर में जब सीसीटीवी कैमरों व एटीएम के समय ही जांच की तो उसमें चार मिनट 33 सेकेंड का फर्क आया। सही मिलान होने के बाद पुलिस की कड़यिां जुड़ती गईं और मोबाइल पर हुई बात से पुलिस मुख्यारोपी तक पहुंची।

असली चाबी से खोला गया था एटीएम

घटना के बाद पुलिस ने जांच के लिए सीन आफ क्राइम टीम को भी मौके पर बुलाया था। टीम एटीएम खोलने के लिए लगे ताले को जांच के लिए एसएफएल भेजा था। एसएफएल की रिपोर्ट में सामने आया कि इस ताले को उसी की चाबी से खोला गया है।

एटीएम रिपेयर के दौरान मुख्यारोपी ने देख लिया था कोड

राजकीय रेलवे पुलिस थाना प्रभारी बलवीर ¨सह ने बताया कि पुलिस ने मामले में मुख्यारोपी करनाल के उपमंडल इंद्री के गांव गुढ़ा निवासी पंकज को मोबाइल लोकेशन के आधार पर काबू किया था। पूछताछ में उसने बताया था कि वह एनसीआर कंपनी में इंजीनियर है। एनसीआर कंपनी के द्वारा ही यह एटीएम लगाया गया था। गहन पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने रिपेयर के दौरान एटीएम की चेस्ट का कोड देख लिया था। इसके उपरांत उसने अपने साथी नई दिल्ली के उत्तम नगर निवासी विकास मिश्रा से संपर्क किया और एटीएम से रुपये चोरी की बात की।

उमरी पुल के समीप बनाई थी आरोपियों ने योजना

घटना के दिन मुख्यारोपी पंकज अपने साथ कार में इंद्री के गांव जनेसरो निवासी विनोद कुमार व राम निवासी को लेकर आया था। वहीं दिल्ली से मोटरसाइकिल पर विकास मिश्रा अपने साथ नई दिल्ली के उत्तम नगर निवासी संदीप यादव को लेकर आया था। राष्ट्रीय राजमार्ग पर उमरी पुल के नीचे सभी ने योजना बनाई और सुबह नौ बजकर 23 मिनट पर रेलवे स्टेशन के एटीएम में पहुंच गए। विकास मिश्रा व संदीप मुंह पर कपड़ा ढक कर एटीएम में घुसे, जबकि पंकज, विनोद व रामनिवास कार के पास स्टेशन की पाíकग में खड़े रह। पंकज के बताए कोड से विकास मिश्रा ने मशीन को खोला और नकदी निकाल ली। नकदी लेकर सभी फिर से उमरी चौक पर पहुंचे और चार लाख 20 हजार रुपये पंकज ने लिए और चार लाख 20 हजार रुपये विकास मिश्रा ले कर दिल्ली चला गया।

दिल्ली के 30 एटीएम में पैस डालता था विकास मिश्रा

मुख्यारोपी पंकज का साथी विकास मिश्रा उसका पुराना परिचित था। वह दिल्ली में सिक्योर इंडिया लिमिटेड दिल्ली में कार्य करता था। उनके अधीन दिल्ली के 30 एटीएम हैं, जिनमें वह प्रतिदिन पैसे डालता था।

एक ही चॉबी लगती है सभी एटीएम में

पुलिस पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि सभी एटीएम मशीन में एक ही चॉबी लगती है, इसके बाद कोड डालने से मशीन खुल जाती है। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया। एटीएम का कोड पंकज रिपेयर करने के दौरान बैंक अधिकारी को डालता देख चुका था और चॉबी उसके पास पहले से ही मौजूद थी।

ये हैं मामले में आरोपी

मामले में मुख्यारोपी इंद्री के गांव गुढ़ा निवासी पंकज था। इसके अलावा नई दिल्ली के उत्तम नगर निवासी विकास मिश्रा, संदीप यादव, इंद्री के गांव जनेसरो निवासी रामनिवास व विनोद शामिल थे।

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