छोटे चीरे से मरीज को जख्म का दर्द पुरानी सर्जरी से कम होता है

यूरोलॉजी कंसलटैंट व रोबोटिक सर्जन डॉ. मनीष आहूजा ने कहा कि प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए दा विची रोबोटिक सर्जरी का अविष्कार वरदान साबित हो रहा है। इससे बहुत छोटा चीरा देना पड़ता है जिस कारण मरीज जल्द स्वस्थ हो जाते हैं। मरीजों को सर्जरी के बाद चौथे दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है जिससे मरीजों को जख्मों का दर्द कम होता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 06:10 AM (IST)
छोटे चीरे से मरीज को जख्म का दर्द पुरानी सर्जरी से कम होता है
छोटे चीरे से मरीज को जख्म का दर्द पुरानी सर्जरी से कम होता है

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र

यूरोलॉजी कंसल्टेंट व रोबोटिक सर्जन डॉ. मनीष आहूजा ने कहा कि प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए दा विची रोबोटिक सर्जरी का अविष्कार वरदान साबित हो रहा है। इससे बहुत छोटा चीरा देना पड़ता है, जिस कारण मरीज जल्द स्वस्थ हो जाते हैं। मरीजों को सर्जरी के बाद चौथे दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, जिससे मरीजों को जख्मों का दर्द कम होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि सर्जिकल रोबोट की खोज से दुनिया में प्रोस्टेट सर्जरी जैसी अन्य सर्जरी में क्रांतिकारी सुधार हुए हैं। यदि कैंसर का शुरुआती दौर में पता चल जाए तो इसका इलाज करने का अधिक समय मिलता है। प्रोस्टेट कैंसर के मामले में भी यदि शुरुआती दौर में इस का पता लग जाए तो इसका मुकम्मल इलाज किया जा सकता है। मरीजों के दिमाग में सर्जरी के बारे हमेशा एक डर बना रहता है। पर रोबोटिक सर्जरी से मरीजों में अस्पताल के अंदर रहने का डर पुरानी सर्जरी से बहुत कम दर्द, समस्या रहित होना व जल्द स्वस्थ होने से खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रोस्टेट क्योंकि शरीर के बहुत अंदर पैलविस नामक कैविटी में स्थित होता है, इसलिए इस तक पहुंचने के लिए पुरानी ओपन सर्जरी में चमड़ी में बहुत बड़ा चीरा लगाना पड़ता है। इसके अलावा इस ग्रंथी को देख सकना बहुत मुश्किल होता था तथा आप्रेशन दौरान ज्यादा कम अंदाजे से किया जाता था। आप्रेशन के बाद मरीज को ठीक होने में कुछ सप्ताह लग जाते थे। पर दा विची रोबोटिक सर्जिकल उपकरण से, प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी पहले से बहुत ज्यादा उत्तम तथा सुरक्षित हो गई है।

chat bot
आपका साथी