श्रीमद्भगवद गीता में कर्तव्य परायणता, निष्ठा और नैतिकता का संदेश : सचदेवा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि श्रीमद्भगवद् गीता में अधर्म व अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने का रास्ता दिखाया गया है। इसके मूल में कर्तव्य परायणता निष्ठा नैतिकता नेतृत्व का संदेश निहित है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 06:22 AM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 06:22 AM (IST)
श्रीमद्भगवद गीता में कर्तव्य परायणता, निष्ठा और नैतिकता का संदेश : सचदेवा
श्रीमद्भगवद गीता में कर्तव्य परायणता, निष्ठा और नैतिकता का संदेश : सचदेवा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि श्रीमद्भगवद् गीता में अधर्म व अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने का रास्ता दिखाया गया है। इसके मूल में कर्तव्य परायणता, निष्ठा, नैतिकता, नेतृत्व का संदेश निहित है। वह बुधवार को कुवि के श्रीगुलजारीलाल नंदा नीति शास्त्र दर्शनशास्त्र केंद्र में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। परिसंवाद में

श्रीमद्भगवद्गीता भ्रष्टाचार एवं अपराध के प्रति शून्य-सहिष्णुता का एक प्रतीक विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि समाज को गीता से प्रेरणा लेकर सामाजिक समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनकर इसके अद्भुत ज्ञान को जीवन में धारण करने की आवश्यकता है। गीता एक धार्मिक ग्रंथ होने के साथ-साथ एक जीवन दर्शन है जिसको अपनाकर कोई भी राष्ट्र अपना विकास कर सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला के निदेशक डा. दिनेश कुमार शास्त्री ने गीता पर आधारित श्लोकों की व्याख्या करते हुए कदाचार निवारण के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि गीता में हर समस्या का निदान है। गीता पढ़ने से व्यक्ति कभी भी दुराचारी नहीं हो सकता। केंद्र के निदेशक डा. सुरेंद्र मोहन मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के तौर पर अमेरिकन फिजिशियन डा. पशुपति व ब्रह्मर्षि तिरुपति स्वामी ने अपना व्याख्यान पत्र प्रस्तुत किया।

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