एनएचएम कर्मियों की हड़ताल पर सरकार सख्त, कल से रोडवेज चालक संभाल सकते हैं एंबुलेंस स्टेय¨रग
शनिवार से रोडवेज और आउटसोर्सिग के कर्मचारी एंबुलेंस का स्टेय¨रग संभालते हुए नजर आएंगे। जिस प्रकार रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को निष्क्रिय करने के लिए सरकार ने पुलिस कर्मचारियों को बस का स्टेय¨रग थमा दिया था उसी प्रकार एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल का तोड़ निकालने के लिए रोडवेज कर्मचारियों को एंबुलेंस थमाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शनिवार से रोडवेज और आउटसोर्सिग के कर्मचारी एंबुलेंस का स्टेय¨रग संभालते हुए नजर आएंगे। जिस प्रकार रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को निष्क्रिय करने के लिए सरकार ने पुलिस कर्मचारियों को बस का स्टेय¨रग थमा दिया था उसी प्रकार एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल का तोड़ निकालने के लिए रोडवेज कर्मचारियों को एंबुलेंस थमाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। सरकार के आदेश के बाद बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में जिला सिविल सर्जनों की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया है। जिला सिविल सर्जन ने इस हड़ताल को असंवैधानिक करार कर दिया। जबकि दूसरी तरफ एनएचएम कर्मचारी इसे संवैधानिक बता रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और इसके लिए उन्होंने पहले से स्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन सौंप रखा है। असंवैधानिक है हड़ताल : सिविल सर्जन
जिला सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर ¨सह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कुछ कर्मचारी पांच फरवरी से असंवैधानिक रूप से हड़ताल पर हैं और पहले भी कर्मचारी दो वर्ष में लगभग 10 बार हड़ताल कर चुके हैं। एनएचएम के कर्मचारियों को सुरक्षा सर्विस प्रदान करने के लिए एक जनवरी 2018 से सर्विस बाइलॉज बना दिए गए हैं, इसके अतिरिक्त कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों पर विचार कर मुख्यमंत्री ने दूर कर दिया है। सभी कर्मचारियों को सर्विस बाइलॉज के अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि, डीए व अन्य लाभ दिए जा रहे हैं। इससे प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष 110 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ा है। बावजूद इसके कर्मचारी अपनी सेवाओं पर पुन: नहीं लौट रहे हैं और 20 फरवरी तक जिले में कुल कर्मचारियों में से 236 कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं और कर्मचारियों के इस रवैये को गंभीरता से लेते हुए तीन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। जिले में एंबुलेंस पर कार्यरत नियमित चालकों, हरियाणा रोडवेज से व आउटसोर्सिग से चालकों का पर्याप्त प्रबंध कर लिया गया है और सभी सेवाएं सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने हड़ताल पर चल रहे कर्मचारियों से गुजारिश की है कि वे अपने रवैये को त्यागते हुए तुरंत प्रभाव से अपनी सेवाओं पर लौटे अन्यथा जिन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी उन्हें किसी भी हालत में पुन: सेवाओं में नहीं लिया जाएगा। जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
दबाव बनाने के लिए झूठ बोल रहा प्रशासन
राज्य सहसचिव कुल¨वद्र कौर ने कहा कि दबाव बनाने के लिए प्रशासन झूठ बोल रहा है। दो साल में एनएचएम कर्मचारियों ने सिर्फ तीन बार हड़ताल की है और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उसे 10 बार बता रहे हैं। हमारा संविधान अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन और रोष प्रकट करने की आजादी देता है। ऐसे में उनकी हड़ताल असंवैधानिक कैसे हो गई। अधिकारी 110 करोड़ का बजट देने की बात कर रहा है, जबकि एनएचएम कर्मचारियों को पिछले सात महीने में वेतन बढ़कर नहीं मिला। दिए गए नियमों में भी कई तरह की खामियां छोड़ दी गई। सरकार और विभाग जितना झूठ बोले कर्मचारी अपने आंदोलन को उतना ही सख्त करते जाएंगे। अब कर्मचारी क्रमिक हड़ताल पर नहीं बैठेंगे बल्कि शुक्रवार से आमरण अनशन पर बैठेंगे।