श्रीकृष्ण-राधा के प्रेम मिलन का साक्षी तमाल वृक्ष

कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के उत्तर तट पर भगवान श्रीकृष्ण व राधा का मिलन हुआ। उत्तरी तट पर स्थित तमाल वृक्ष मिलन का साक्षी है। सूर्य ग्रहण के अवसर पर यहीं भगवान श्रीकृष्ण ने यशोदा मैय्या नंद बाबा व बड़े भाई बलराम सहित तमाम गोकुलवासियों से मुलाकात की थी। 26 दिसंबर को लगने वाले सूर्यग्रहण पर तमाल वृक्ष का भी विशेष महत्व है। ब्रह्मसरोवर में स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु तमाल वृक्ष का भी अवलोकन करने पहुंचे हैं। ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित गौड़िया मठ में स्थित श्री राधा-कृष्ण मिलन मंदिर में स्थित तमाल वृक्ष मिलन की गवाही दे रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Dec 2019 09:39 AM (IST) Updated:Thu, 26 Dec 2019 09:39 AM (IST)
श्रीकृष्ण-राधा के प्रेम मिलन का साक्षी तमाल वृक्ष
श्रीकृष्ण-राधा के प्रेम मिलन का साक्षी तमाल वृक्ष

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के उत्तर तट पर भगवान श्रीकृष्ण व राधा का मिलन हुआ। उत्तरी तट पर स्थित तमाल वृक्ष मिलन का साक्षी है। सूर्य ग्रहण के अवसर पर यहीं भगवान श्रीकृष्ण ने यशोदा मैय्या, नंद बाबा व बड़े भाई बलराम सहित तमाम गोकुलवासियों से मुलाकात की थी। 26 दिसंबर को लगने वाले सूर्यग्रहण पर तमाल वृक्ष का भी विशेष महत्व है। ब्रह्मसरोवर में स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु तमाल वृक्ष का भी अवलोकन करने पहुंचे हैं। ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित गौड़िया मठ में स्थित श्री राधा-कृष्ण मिलन मंदिर में स्थित तमाल वृक्ष मिलन की गवाही दे रहा है। पंडित रामराज कौशिक का कहना है कि श्रीमद्भागवद् पुराण के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब बलराम सहित गोकुल छोड़ कर कंस वध के लिए मथुरा जा रहे थे तब सभी गोपियां, राधा रानी, यशोदा और नंद बाबा श्री कृष्ण के विरह में बहुत ही दुखी हुए थे। तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें एक बार मिलन का वचन दिया था। इसी वचन को निभाते हुए द्वापर युग में सोमवती अमावस्या के दिन जब पूर्ण सूर्यग्रहण लगा था तो इस अवसर पर कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर माता देवकी, पिता वासुदेव और बलराम सहित वे सभी गोपियों, राधा रानी और नंद बाबा को मिले थे।

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