घर से टिफिन लेकर निकलते हैं सुधा, कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर रहे भोजन
थानेसर से भाजपा प्रत्याशी सुभाष सुधा टिकट की घोषणा होने से पहले ही पूरे हलके को डोर टू डोर कवर कर चुके थे। ऐसे में अब अल सुबह शुरू किए गए प्रचार अभियान में वह देर रात तक 30 से 35 कार्यक्रम कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर कार्यक्रमों में चाय और समय के अनुसार खाने की व्यवस्था रहती है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : थानेसर से भाजपा प्रत्याशी सुभाष सुधा टिकट की घोषणा होने से पहले ही पूरे हलके को डोर टू डोर कवर कर चुके थे। ऐसे में अब अल सुबह शुरू किए गए प्रचार अभियान में वह देर रात तक 30 से 35 कार्यक्रम कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर कार्यक्रमों में चाय और समय के अनुसार खाने की व्यवस्था रहती है। ऐसे में सुभाष सुधा भी कार्यकर्ताओं के साथ ही खाना खाकर पेट भर रहे हैं। हालांकि अक्सर वह अपने घर से दोपहर का खाना लेकर चलते हैं लेकिन इसे खोलने की जरूरत ही नहीं पड़ती। दिन भर के कार्यक्रमों में थानेसर वासियों को पिछले पांच साल में करवाए गए विकास कार्य गिनवा कर कमल के निशान पर वोट की अपील करते रहते हैं।
सुबह आठ बजे प्रचार अभियान शुरू कर सुभाष सुधा सब्जी मंडी में पहुंचे और डोर टू डोर अभियान चलाया। सब्जी मंडी में आढ़तियों ने अपने बीच पहुंचे विधायक को फ्रूट खिलाए। सुभाष सुधा ने मंडी में सब्जी लेकर पहुंचे किसानों से भी बातचीत की। इसके बाद अनाज मंडी धर्मशाला में सभा को संबोधित किया और 11 बजे के लगभग सेक्टर आठ में कई जगह तय किए गए चाय के कार्यक्रमों में पहुंचे। इसी बीच रास्ते में रुक कर कई परिवारों को भाजपा से जोड़ते चले। हर जगह लोग भी विधायक को आश्वस्त करते रहे की यहां तो उनके सबसे ज्यादा वोट हैं। हर जगह टोलियों में पहुंचे युवा ले रहे सेल्फी
दिन भर प्रचार अभियान में व्यस्त रहने वाले सुधा बीच-बीच में मोबाइल पर लोगों से वोट की अपील करते रहते हैं। कार्यक्रमों में कई जगह युवाओं की टोलियां पहुंचकर उनके साथ सेल्फी ले रही हैं। सेक्टर आठ में कई जगह लोगों के घर पहुंच सुधा ने चाय की चुस्की ली और दोपहर को गांव बाहरी में पहुंचे धर्मपाल सैनी के घर पर समर्थकों के साथ ही भोजन किया। खाना खाते समय भी कार्यकर्ता उनके लोगों से बातचीत करवाते रहे। कार्यकर्ताओं के कहने पर विधायक भी लोगों की बात सुनते रहे और मोबाइल पर भी लोगों से वोट की अपील में जुटे रहे। कमर दर्द को दरकिनार कर विधायक देर रात तक समर्थकों के बीच डटे रहते हैं। आम तौर पर सुबह और शाम के कार्यक्रम शहर में रखे जा रहे हैं और दोपहर में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रम चलते हैं।