नपा चुनाव की विधिवत घोषणा पर संशय से ठिठकने लगे उम्मीदवारों के कदम
नगरपालिका चुनाव की विधिवत घोषणा पर संशय को लेकर संभावित उम्मी
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : नगरपालिका चुनाव की विधिवत घोषणा पर संशय को लेकर संभावित उम्मीदवारों के अभी से कदम ठिठकने लगे हैं। उम्मीदवारों को आशंका है कि कहीं चुनाव लंबे ना खिच जाएं। चुनाव को लेकर अभी सरकार ने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले हैं। अब सभी की नजर राज्य चुनाव आयोग के रविवार के फैसले पर है। उसी रोज निगमों के चुनावों की घोषणा हो सकती है।
प्रदेश सरकार नगर निगम अंबाला, पंचकूला और सोनीपत का चुनाव करवाने को झंडी दी जा चुकी है। इनकी चुनाव संबंधी तारीखों की घोषणा 29 नवंबर को होने के कयास लगाए जा रहे हैं, मगर अभी नई बनी नगरपालिकाओं के चुनाव संबंधी कार्यक्रम को लेकर पत्ते नहीं खोले जा रहे हैं। हालांकि आयोग चुनावी प्रक्रिया तेज करवाए हुए है। यहां तक की ईवीएम तक सैनिटाइज कर तैयार कर दी गई हैं। यही नहीं पोलिग बूथ तक चिन्हित कर दिए गए हैं। मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 27 नवंबर को होने जा रहा है। चेयरमैन और पार्षदों के पद भी आरक्षित करने का ड्रा निकाला जा चुका है। अभी तक आसार थे कि उपरोक्त तीन निगमों के साथ ही नई बनी पांच नगरपालिकाओं के चुनाव की भी घोषणा हो जाएगी, मगर इस पर अभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। अब संभावित उम्मीदवारों की नजर आयोग के 29 नवंबर के फैसले पर है। यदि निगमों के साथ चुनाव होने की घोषणा हुई तो दिसंबर माह में ही चुनावी रण सज जाएगा। चुनाव की तारीखें घोषित ना होने से फिलहाल उम्मीदवार डोर टू डोर जाने के कार्यक्रम रोके हुए हैं। अधिकांश चेयरमैन और पार्षद पद के उम्मीदवार मतदाताओं से यहां वहां मिल बैठकर अपनी अपनी रणनीति कारगर करने में जुटे हुए हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि रविवार के कार्यक्रम पर सभी नजर टिकाए हुए हैं। यह बनी थी नगरपालिकाएं
पिछले प्लान में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस्माईलाबाद, सढ़ौरा, ब्रास, सिसाय, कुंडली गांव को ग्राम पंचायत से नगरपालिका का दर्जा दिया था। संविधान अनुसार नई पालिका का निकाय चुनाव एक साल के भीतर कराना अनिवार्य है। मगर इसमें कोरोना रोड़ा बना रहा।