प्रथम नवरात्र पर शक्तिपीठ में स्थापित होंगे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के चढ़ाए हुए चांदी के घोड़े

प्राचीन शक्तिपीठ श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर में 17 अक्टूबर को पहले नवरात्र पर तत्कालीन राष्ट्रपति भारत रत्न स्व. प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के चढ़ाए चांदी के घोड़े मंदिर में स्थापित किए जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 08:10 AM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 08:10 AM (IST)
प्रथम नवरात्र पर शक्तिपीठ में स्थापित होंगे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के चढ़ाए हुए चांदी के घोड़े
प्रथम नवरात्र पर शक्तिपीठ में स्थापित होंगे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के चढ़ाए हुए चांदी के घोड़े

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्राचीन शक्तिपीठ श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर में 17 अक्टूबर को पहले नवरात्र पर तत्कालीन राष्ट्रपति भारत रत्न स्व. प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के चढ़ाए चांदी के घोड़े मंदिर में स्थापित किए जाएंगे। प्रणब मुखर्जी ने अपने राष्ट्रपति काल में नौ अप्रैल 2013 को मां के दर्शनों के लिए आए थे। उसके बाद छह दिसंबर 2016 को भी उनका मंदिर में आने का कार्यक्रम था। प्रणब मुखर्जी के परिवार का भद्रकाली शक्तिपीठ से विशेष नाता रहा है। उनके अभिजीत मुखर्जी सपरिवार मंदिर में लगातार आ रहे हैं। पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि ये सभी भक्तों के लिए बहुत ही भावुक क्षण है, इससे शक्तिपीठ परिवार का प्रत्येक सदस्य प्रणब दा जैसी पुण्यात्मा से हमेशा जुड़ाव महसूस करेगा और साथ ही स्वर्गीय प्रणब दा भी अपने चढ़ाए हुए अश्वों के रूप में मां के चरणों में अपनी स्थायी हाजिरी लगाते रहेंगे । मंदिर कमेटी ने ये भी निर्णय लिया है कि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की ओर से चढ़ाए चांदी के घोड़ों को भी मंदिर में प्रथम नवरात्र को ही स्थापित किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति पाटिल देवी सिंह पाटिल अपने कार्यकाल के दौरान आठ फरवरी 2012 को मंदिर में मां भद्रकाली जी के दर्शनों के लिए आई थी और उन्होंने भी परंपरा स्वरूप चांदी के घोड़े मंदिर में चढ़ाए थे । मंदिर में आज होगी श्रीदेवीकूप की परिक्रमा शुक्रवार को मंदिर में सूक्ष्म रूप से शोभायात्रा की परंपरा निभाई जाएगी। जिसमें मां भद्रकाली सेवक मंडल के सदस्य मां की ज्योति के साथ नगर परिक्रमा की जगह 12 बजे श्री देवीकूप की परिक्रमा करेंगे। सुबह 9:30 बजे कलश पूजन होगा और 10 बजे ध्वजारोहण होगा। श्रद्धालु मंदिर के फेसबूक पेज और वाट्सअप नंबर पर मंदिर वेबसाइट के माध्यम से जुड़ सकते हैं ।

chat bot
आपका साथी