किसान के जागरूक होकर अपनाएं खेती के आधुनिक तरीके तो बचेगा पानी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में भारत सरकार के जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की ओर से सही फसल कार्यशाला का आयोजन।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Feb 2020 06:30 AM (IST) Updated:Sat, 15 Feb 2020 06:30 AM (IST)
किसान के जागरूक होकर अपनाएं खेती के आधुनिक तरीके तो बचेगा पानी
किसान के जागरूक होकर अपनाएं खेती के आधुनिक तरीके तो बचेगा पानी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय जल मिशन के मिशन निदेशक एवं अतिरिक्त सचिव जी अशोक कुमार ने कहा कि कृषि क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक पानी का उपयोग हो रहा है। अगर किसान जागरूक होकर खेती के आधुनिक तरीके अपनाएं तो पानी की बचत हो सकती है। इसके लिए किसान को जागरूक होना होगा और सही फसल का चयन करना होगा। वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में भारत सरकार के जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की ओर से आयोजित सही फसल कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से इसके लिए देश भर में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाला यह चौथा कार्यक्रम है। कुरुक्षेत्र जिले में कई ब्लॉक ऐसे हैं जहां पर धरती से रिचार्ज के मुकाबले तीन गुना पानी निकाला जा रहा है। ऐसे में पानी के भंडार खत्म हो सकते हैं। पानी के इन भंडारों का संरक्षण जरूरी है। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाली पीढि़यां पानी देखने को भी तरसेंगी।

कार्यशाला का शुभारंभ जल संसाधन निधि केंद्रीय राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कुंआ पूजन की तर्ज पर कलश पूजन के साथ किया। उन्होंने इस पूजन के साथ इशारा भी किया आज साफ पानी पूरे विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या बन गया है। हमें साफ पानी बचाने के लिए आगे आना होगा। प्रदेश के खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने एक फिल्म में देखा है कि बगैर पानी के जीवन बहुत कठिन हो सकता है। मंत्री के जाते ही सभागार से बाहर निकल लिए किसान

मंत्री के कार्यशाला से निकलते ही सभागार खाली हो गया। एक बार ऑडिटोरियम से बाहर निकले किसान दोबारा विशेषज्ञों के बुलावे पर भी अंदर नहीं आए। ऐसे में विशेषज्ञों को नाम मात्र किसानों के सामने ही अपनी प्रेजेंटेशन देनी पड़ी। 1400 किसानों को दी जानी थी किट

कार्यशाला के शुरू होने से पहले किसानों ने व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे। कैथल से पहुंचे किसान नरेश शर्मा, रामपाल, रणदीप, केहर सिंह, अमृत लाल और अजमेर ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि कार्यशाला के लिए पंजीकरण किया जाएगा और इसके साथ ही उन्हें एक किट दी जाएगी। कर्मचारी सही तरह से किसानों को जानकारी भी नहीं दे रहे हैं। मांगी जाएगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय जल मिशन के मिशन निदेशक एवं अतिरिक्त सचिव आइएएस जी अशोक कुमार ने कहा कि स्थानीय स्तर पर व्यवस्था करने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की थी। कार्यशाला संपन्न होने से पहले ही अव्यवस्था होने पर स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखकर जवाब मांगा जाएगा। कुरुक्षेत्र व इसके पास भूजल के अत्यधिक दोहन को देखते हुए यहां पर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। यह कार्यशाला किसानों के लिए बहुत लाभकारी थी।

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