संतोष ने लॉकडाउन में महिलाओं में भरा साहस, आज

फोटो-45 एंकर भी लगा सकते हैं। नमो देव्यै महा देव्यै -----नारी सशक्तीकरण---- जागरण संव

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 05:39 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 05:39 AM (IST)
संतोष ने लॉकडाउन में महिलाओं में भरा साहस, आज
संतोष ने लॉकडाउन में महिलाओं में भरा साहस, आज

फोटो-45 एंकर भी लगा सकते हैं।

नमो देव्यै महा देव्यै -----नारी सशक्तीकरण----

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लॉकडाउन में परिवार के सभी सदस्यों के घर पर रहने से महिलाओं पर काम का बोझ बढ़ गया था। कई महिलाएं तो दूसरे मुद्दों को लेकर भी तनाव से ग्रस्त हो गई थी। ऐसे में सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संतोष दहिया ने धर्मनगरी से महिलाओं को शक्ति दी। उन्होंने वाट्सएप पर महिलाओं को जोड़कर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करनी शुरू कर दी। उनके इस प्रयास से जिले व प्रदेश नहीं बल्कि देश व दुनिया की महिलाएं वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने लगी। इन ग्रुप का नाम सर्व खाप महिला महापंचायत रखा। आज 250-250 महिलाओं के 30 ग्रुप चला रही हैं। करीब 7500 महिलाएं अब तक जुड़ चुकी है। यहां सब सामूहिक रूप से ऑनलाइन बैठकर महिलाओं और समाज से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की। यही नहीं महिलाओं ने इन समस्याओं का समाधान भी निकाला। उनके साथ ग्रुप में प्रदेश सहित, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ और जिरकपुर की महिलाएं खड़ी हैं।

गांव में प्रधान से लेकर जिला में संगठन खड़ा किया

डा. संतोष दहिया ने बताया कि महिलाओं का संगठन लगातार तैयार किया रहा है। गांवों में प्रधान बनाई जा रही हैं। जिले के 8-10 गांवों में महिलाओं की प्रधान बनाई गई हैं। प्रदेश के 15 जिलों में भी संगठन खड़ा किया गया है।उनका लक्ष्य हर गांव में प्रधान बनाना और हलका व जिलास्तर पर संगठन को खड़ा करना है।

महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना लक्ष्य

डा. संतोष दहिया ने बताया कि सर्व खाप महिला महा पंचायत का मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है। आज महिलाएं छोटे-छोटे ग्रुप और संगठनों में जुड़ी हुई हैं। उन्हें जब जरूरत पड़ती है तो कोई भी उनका साथ देने के लिए आगे नहीं आता महिलाएं लगातार अपने साथ हो रही ज्यादतियों को लेकर मदद भी नहीं मांग पाती।

महिलाओं के साथ निर्दोष पुरुषों के लिए करेगा काम

उन्होंने उनको न्याय दिलाने के लिए महिलाओं का संगठन खड़ा किया है। यह संगठन केवल महिलाओं के लिए ही काम नहीं करेगा बल्कि निर्दोष पुरुषों को भी न्याय दिलाने में भी मदद करेगा। वे जेंडर इक्वेलिटी पर काम करेंगे। अन्याय के शिकार के साथ संगठन खड़ा होगा। संगठन में लगभग हर विभाग से पढ़ी-लिखी महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इनमें डाक्टर, इंजीनियर, बिजनेस, वकील, अध्यापिका, रिटायर्ड जज, काउंसलर, मोटिवेटर व खिलाड़ी के मजदूरी का काम करने वाली महिलाएं और छात्रा भी जुड़ी हुई हैं।

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