पद्मश्री किसान कुवि में विद्यार्थियों से करेंगे आपणी बात

अब तक विश्वविद्यालयों में छात्रों को विद्वान शिक्षक विभिन्न विषयों पर प्रेरणादायी भाषण देते हैं, लेकिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से शुरू की गई प्रेरणात्मक संगोष्ठी आपणी बात शुरू की है। जिसकी खास बात ये है कि कार्यक्रम में उन्हीं लोगों को बुलाया जाता है जिन्होंने अपने कार्य के माध्यम से एक ट्रेंड सेट किया हो।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 08:35 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 08:35 AM (IST)
पद्मश्री किसान कुवि में विद्यार्थियों से करेंगे आपणी बात
पद्मश्री किसान कुवि में विद्यार्थियों से करेंगे आपणी बात

सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र : अब तक विश्वविद्यालयों में छात्रों को विद्वान शिक्षक विभिन्न विषयों पर प्रेरणादायी भाषण देते हैं, लेकिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से शुरू की गई प्रेरणात्मक संगोष्ठी आपणी बात शुरू की है। जिसकी खास बात ये है कि कार्यक्रम में उन्हीं लोगों को बुलाया जाता है जिन्होंने अपने कार्य के माध्यम से एक ट्रेंड सेट किया हो। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से चलाई गई इस सीरीज में पहली बार पूर्व सेना अध्यक्ष सेवानिवृत्त जनरल वीपी मलिक को बुलाया गया था वहीं इस बार विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों से आपणी बात करने के लिए हरियाणा में घाटे का सौदा कही जाने वाली खेती और पशुपालन में ट्रेंड सेटर और भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित करनाल के बुटाना गांव निवासी किसान सुल्तान ¨सह और पानीपत जिले के गांव डिडवाना निवासी पशुपालक नरेंद्र ¨सह का बुलाया गया है। जो छात्रों को अपने द्वारा किए गए कार्यों और उनके बारे में जानकारी देंगे। कार्यक्रम का आयोजन 28 फरवरी को किया जाएगा। कुवि के युवा एवं कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. तेजेंद्र शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन करने का उद्देश्य युवाओं को कृषि के प्रति बदल रही धारणा के बारे में जानकारी देना है। कौन हैं सुल्तान ¨सह : करनाल के गांव बुटाना निवासी किसान सुल्तान ¨सह ने मछली पालन के क्षेत्र में देश एवं विदेशों में अपना पताका फहराया है। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।जानकारी के अनुसार 56 वर्षीय सुल्तान ¨सह ने 30 साल पहले तालाब पट्टे पर लेकर मछली पालन शुरू किया था। पहली ही बार में 25 हजार रुपये खर्च करके उसे डेढ़ लाख रुपये की बचत हुई थी। इससे पहले सुल्तान ¨सह को राज्य सरकार के अलावा विदेशों भी सम्मान मिल चुका है।

पशुपालन में पद्मश्री से सम्मानित नरेंद्र ¨सह : पशुधन को आजीविका का साधन बनना चुनौतियों से भरा कदम है। पानीपत के गांव डिडवाड़ी के किसान नरेंद्र ने दस पशुओं से व्यवसाय शुरू किया। दो दशक में पशुओं की संख्या बढ़कर 150 का आंकड़ा पार कर गई। मुर्राह भैंस, साहीवाल और हरियाणवी नस्ल की गायों का पालन कर राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते। मुर्राह नस्ल के झोटे गोलू और ¨प्रस ने विदेशों में खूब वाहवाही लूटी। पशुपालन क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले नरेंद्र ¨सह को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

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