अनाज मंडियों में पहुंचने लगी धान और आढ़तियों का 18 से हड़ताल का एलान

फोटो संख्या 28 - कई मंडियों में तेज हुई धान की आवक जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र आढ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 05:45 AM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 05:45 AM (IST)
अनाज मंडियों में पहुंचने लगी धान और आढ़तियों का 18 से हड़ताल का एलान
अनाज मंडियों में पहुंचने लगी धान और आढ़तियों का 18 से हड़ताल का एलान

फोटो संख्या : 28

- कई मंडियों में तेज हुई धान की आवक

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आढ़तियों ने 18 सितंबर से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अनाज मंडियों में धान की आवक शुरू होने पर परेशानी बढ़ सकती है। किसानों को धान बिक्री की चिता सताने लगी है। किसानों को डर है कि अगर आढ़ती हड़ताल पर चले गए तो अनाज मंडियों में धान की बेकद्री हो जाएगी। गत वर्ष भी किसानों को आढ़तियों की हड़ताल के चलते कई दिन परेशानी झेलनी पड़ी थी।

प्रदेश भर की आढ़ती एसोसिएशनों ने सरकार की ओर से आढ़त दिए जाने में देरी करने और इसका ब्याज न दिए जाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर हड़ताल करने का फैसला लिया है। कुरुक्षेत्र की आढ़ती एसोसिएशन भी इसमें शामिल हो गई हैं। नई अनाज मंडी थानेसर आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दयाल चंद ने बताया कि आढ़ती कई बार सरकार के सामने अपनी समस्याएं उठा चुके हैं, लेकिन सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है। इस अनदेखी से प्रदेश भर के आढ़तियों में रोष है। इसी रोष स्वरूप आढ़तियों ने 18 सितंबर से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। इस हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए बुधवार को आढ़तियों की बैठक बुलाई गई है।

----

अनाज मंडियों में पहुंच रही धान

दूसरी ओर धान कटाई का सीजन आने पर अनाज मंडियों धान की आवक भी शुरू हो गई है। जिला भर की अनाज मंडियों की धान आने लगी है। ऐसे में सरकारी खरीद शुरू न होने पर मोटी किस्म की धान की खरीद नहीं हो रही है। व्यापारी 1509 किस्म की धान को 1850 से लेकर 2000 रुपये प्रति क्विटल में खरीद रहे हैं। अगर आढ़ती हड़ताल पर चले गए तो यह खरीद भी बंद हो सकती है। गांव पिडारसी के किसान जोगेंद्र सिंह ने कहा कि आढ़तियों के हड़ताल पर चले जाने से किसानों की समस्या बढ़ जाएगी। किसान की फसल खेत में तैयार खड़ी है। इसकी कटाई के लिए किसान सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहा है। अगर आढ़तियों ने हड़ताल की तो अनाज मंडियों में धान के अंबार लग जाएंगे।

chat bot
आपका साथी