कबूतरबाजों के जाल में फंसा धर्मनगरी

धर्मनगरी कबूतरबाजों के जाल में फंसी हुई है। पुलिस क्राइम की तुलना की जाएं तो जिले में हत्या व हादसों से अधिक कबूतरबाजी के मामले सामने आ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से अब तक 35 गंभीर सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 37 लोगों की मौत हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 08:15 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 08:15 AM (IST)
कबूतरबाजों के जाल में फंसा धर्मनगरी
कबूतरबाजों के जाल में फंसा धर्मनगरी

जगमहेंद्र सरोहा, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी कबूतरबाजों के जाल में फंसी हुई है। पुलिस क्राइम की तुलना की जाएं तो जिले में हत्या व हादसों से अधिक कबूतरबाजी के मामले सामने आ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से अब तक 35 गंभीर सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 37 लोगों की मौत हुई है। जबकि विदेश भेजने के करीब 84 मामले सामने आए हैं। यानी हादसों से ढाई गुना अधिक। बड़ा खुलासा लॉकडाउन के दौरान लोगों को डिपोर्ट करने के बाद हुआ। अब भी कबूतरबाजी के हर रोज मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस के पास 128 मामले कबूतरबाजी के हैं। प्रदेश स्तर पर विशेष टीम के बाद अब जिले में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) का गठन किया है।

डॉलर कमाने के सपने में घर और जमीन तक बेच रहे

कबूतरबाज खासकर युवा पीढ़ी को डॉलर कमाने के सपने दिखा देते हैं। वे विदेशों में गए कुछ लोगों के उदाहरण व उनके ऐश आराम तक दिखा देते हैं। ऐसे में युवा जल्दी उनकी बातों में आ जाते हैं। कुछ तो अपने सपनों को साकार करने के लिए जमीन और घर तक बेच देते हैं। कबूतरबाज उनको सीधे अमेरिका, कनाडा या दूसरे देशों में सीधे भेजने की बजाय शार्ट कट में विदेश भेज देते हैं। उनको पनामा व दूसरे देशों के जंगलों में घूमाकर चोर रास्ते से अमेरिका पहुंचा देते हैं। यहां पर उनको पुलिस पकड़कर जेल भेज देती है। कई बार उनको डिपोर्ट कर दिया जाता है। लॉकडाउन में सबसे अधिक लोग डिपोर्ट हुए हैं।

चार इंस्पेक्टर और हर थाने से जांच अधिकारी

सरकार ने कोरोना काल में अमेरिका से लोगों के डिपोर्ट करने के बाद आइजी करनाल भारती अरोड़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। एसपी आस्था मोदी ने जिले में डीएसपी पिहोवा गुरमेल सिंह की अगुवाई में एसआइटी गठित की है। इसमें सीआइए-टू के इंस्पेक्टर मलकीत सिंह, वेलफेयर इंस्पेक्टर रमेश कुमार व थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह समेत चार इंस्पेक्टरों को शामिल किया है। इसके साथ हर थाना से एक या दो जांच अधिकारी एसआइटी में शामिल किए गए हैं।

ये करें ध्यान

युवा स्टडी या दूसरे वीजा पर पंजीकृत एजेंटों से ही बात करें और उनके माध्यम से ही विदेश में जाएं। वे बाजारों में बैठे एजेंटों की बातों में न आएं।

फोन और रिश्तेदारों के माध्यम करते हैं संपर्क

युवा वर्ग रिश्तेदारों के माध्यम या फोन पर ही विदेश में जाने की पूरी डील कर लेते हैं। बाबैन के एक गांव के दंपति ने एक जान पहचान वाली महिला के माध्यम एजेंटों से संपर्क किया था। महिला और उसके पति को सीधे अमेरिका भेजने की बजाय दो बार दुबई भेज दिया गया।

एसटीएफ कबूतरबाजी के मामलों की लगातार जांच कर रही है। अब तक 20 मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है। उनसे पूछताछ में नए मामले भी सामने आ रहे हैं। संबंधित लोगों की शिकायत पर मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। किसी भी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा।

गुरमेल सिंह डीएसपी, इंचार्ज, एसटीएफ।

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