46 बच्चों में पाए जन्मजात हृदय रोग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एलएनजेपी अस्पताल में विशे

By Edited By: Publish:Fri, 10 Feb 2017 02:22 AM (IST) Updated:Fri, 10 Feb 2017 02:22 AM (IST)
46 बच्चों में पाए जन्मजात हृदय रोग
46 बच्चों में पाए जन्मजात हृदय रोग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एलएनजेपी अस्पताल में विशेष कैंप लगाया गया। इसके तहत कुरुक्षेत्र के अलावा कैथल और फतेहाबाद जिलों के जीरो से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में होने वाला दो से ढाई हजार रुपये तक का इको टेस्ट भी मुफ्त उपलब्ध कराया गया। खास बात ये कि बच्चों के हृदय रोगों को लेकर पहली बार इस तरह के कैंप का आयोजन कराया गया। कैंप में उन बच्चों को शामिल किया गया, जोकि स्कूल तथा आंगनबाड़ी में पंजीकृत हैं।

इस दौरान जयपुर के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल से हृदय रोग विशेषज्ञ (शिशु हृदय रोग) डॉ. प्रशांत महावर ने लगभग 50 बच्चों की इको करते हुए हृदय विकारों को जांचा तथा निरीक्षण के बाद जरूरत के हिसाब से दवाईयां सुझाई। इस दौरान 46 बच्चों में दिल से संबंधित विभिन्न जन्मजात हृदय रोग पाए गए। अभिभावकों को बताया गया कि पैनल पर आने वाले अस्पतालों में बच्चों को ऑप्रेशन की सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में लगे इस एक दिवसीय विशेष कैंप में हृदय जांच कराने के लिए वीरवार सुबह से ही अभिभावक अपने बच्चों को साथ लेकर आना शुरू हो गए थे। अभिभावकों ने शुरुआती प्रक्रिया के तहत डीईआई सेंटर में बच्चों का पंजीकरण कराया और इसके बाद मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश घणघस के ड्यूटी रूम में कैंप के तहत मरीजों का स्वास्थ्य जांचा गया। उपरोक्त तीनों जिलों के विभिन्न गांवों, कस्बों तथा खंडों से आए अभिभावकों ने बच्चों की हृदय संबंधी जांच कराई। बताया गया कि कुरुक्षेत्र से 27, कैथल से 17 और फतेहाबाद से छह बच्चे शामिल रहे। स्वास्थ्य जांच कराने वालों में अधिकांश जीरो से 12 वर्ष तक के बच्चे शामिल हुए। कैंप में डीईआईसी मैनेजर डॉ. पलका ने मरीजों और विशेषज्ञ के बीच सामंजस्य स्थापित करने की जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने बताया कि करीब 75 बच्चों का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से सुबह 10 से लेकर शाम छह बजे तक 50 बच्चों की जांच हुई है। इस अवसर पर डॉ. सुधा अरोड़ा, डॉ. इंद्रजीत, डॉ. वैशाली, नीति और र¨वद्र ने भी सहयोग दिया।

एलएनजेपी अस्पताल में डिप्टी सिविल सर्जन स्कूल हेल्थ एंड ट्रे¨नग और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार ने बताया कि सिविल सर्जन डॉ. एसके नैन के मार्गदर्शन में जयपुर से आए बाल हृदय रोग विशेषज्ञ ने बच्चों के हृदय की जांच की। ऐसा कैंप पहली बार लगाया गया गया, जिसमें करीब 50 बच्चों ने जांच कराई। कैंप के जरिए पहचान करने का प्रयास किया गया कि बच्चों को दवाईयों से ठीक किया जा सकता है या सर्जरी से पैनल पर आने वाले अस्पतालों में बच्चों का ऑप्रेशन भी मुफ्त होगा, जिसका खर्च सरकार वहन करेगी।

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