सरकार ने सम्मानित कर बढ़ाया दो शिक्षकों को मान

राज्यपाल भवन में प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र के दो शिक्षकों को सम्मानित किया गया है। राज्यपाल सत्यनारायण आर्य की ओर से शिक्षकों को सम्मानित किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Sep 2018 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 06 Sep 2018 01:01 AM (IST)
सरकार ने सम्मानित कर बढ़ाया दो शिक्षकों को मान
सरकार ने सम्मानित कर बढ़ाया दो शिक्षकों को मान

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

राज्यपाल भवन में प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र के दो शिक्षकों को सम्मानित किया गया है। राज्यपाल सत्यनारायण आर्य की ओर से शिक्षकों को सम्मानित किया है। कुरुक्षेत्र के दोनों शिक्षकों ने राज्य स्तरीय पुरस्कार अपनी मेहनत के दम पर हासिल किया है। खासबात ये है कि दोनों शिक्षक पढ़ाई के साथ-साथ अन्य एक्टिविटी में अपने छात्रों को सिखाने में आगे हैं। राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित कुरुक्षेत्र के राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय के मुख्याध्यापक रमेश शर्मा ने अपने बच्चों को खेल-खेल में गणित जैसे कठिन विषय को पढ़ाने का प्रयास ही नहीं बल्कि उन्हें पढ़ा भी दिया।

दूसरे शिक्षक राजकीय माध्यमिक विद्यालय बजीदपुर के संस्कृत शिक्षक प्रमोद कुमार को राज्यपाल की ओर से सम्मानित किया गया है। जंग नहीं लगने दिया अपने प्रोफेशन को

राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित शिक्षक रमेश शर्मा ने राज्यपाल और प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें 1992 में डीएवी की ओर से बेस्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया था और उन्होंने 1993 में सरकारी नौकरी को ज्वाइन किया था। उस समय डीएवी के अध्यक्ष ने उन्हें कहा था कि वहां जाओगे तो तुम्हें जंग लग जाएगा। इसी जिद्द में उन्होंने कार्य किया। सबसे पहले उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय देवीदासपुरा में जवाइन किया। उस समय वे रात को भी बच्चों को पढ़ाते थे। उनका परीक्षा परिणाम देवीदासपुरा में 100 प्रतिशत रहा। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने बताया कि वे बच्चों को खेल स्टापू और कंचे के जरिये ही गणित सिखाना शुरू किया। जिसके माध्यम से बच्चों को खेल-खेल से गणित सिखाया जा सकता है। वर्ष 1992 में डीएवी की ओर से बेस्ट शिक्षक अवार्ड, 1997 और 2003 में बोर्ड की ओर से 100 प्रतिशत परिणाम पर प्रशस्ति पत्र जैसे कई अवार्ड वे प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा उनके स्कूल का परीक्षा परिणाम बेहतरीन रहता है।

फोटो संख्या- 13

अब तक 20 बार कर चुके हैं रक्तदान

संस्कृत शिक्षा में अमिट छाप छोड़ने वाले डॉ. प्रमोद कुमार शास्त्री 2015 में अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन में भाग लेने वाले एकमात्र ऐसे स्कूली अध्यापक हैं, जिन्होंने इस सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत कर अपना नाम कमाया था। संस्कृत अध्यापक के तौर पर डॉ. प्रमोद कुमार ने अध्ययन के दौरान अमिट छाप छोड़ी है। डॉ. प्रमोद कुमार अब तक 20 बार रक्तदान कर इस मुहिम में अपना हिस्सा डाल चुके हैं। उन्होंने पंचायत के सहयोग से इस नाले को बंद कराने के साथ साथ स्कूल का सुंदरीकरण कराने में भी अहम भूमिका निभाई। डॉ. प्रमोद कुमार स्मार्ट क्लासरूम में संस्कृत की शिक्षा प्रदान करते हैं। जो अपने आप में नया प्रयोग लगता है। जब आज के जमाने में लोग संस्कृत से दूर भाग रहे हैं वहां डॉ. प्रमोद कुमार के स्कूल में सभी बच्चे संस्कृत ही पढ़ते हैं।

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