रेल मंत्री ने दिखाई कुरुक्षेत्र -मथुरा गीता जयंती ट्रेन को हरी झंडी

कुरुक्षेत्र में आयोजित हो रहा अंतरराष्‍ट्रीय गीता जयंती महोत्‍सव पूरे जोर पर है और पर्यटकों का तांता लगा हुआ है। इसमें विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। महोत्‍सव हिस्सा लेने रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी पहुंचे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 09 Dec 2016 08:57 AM (IST) Updated:Fri, 09 Dec 2016 03:03 PM (IST)
रेल मंत्री ने दिखाई कुरुक्षेत्र -मथुरा गीता जयंती ट्रेन को हरी झंडी

जेएनएन, कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव अपने पूरे जोर पर है और पर्यटकों का तांता लगा हुआ है। देश-विदेश्ा से आए गीता मनीषी महोत्सव में आयोजित कार्यक्रमों की शोभा बढ़ा रहे हैं। गीता जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में विद्वानों ने कहा कि गीता को जीवन में अंगीकार कर लें तो पूरा विश्व शांतिमय और सुखद हो जाएगा। आज गीता महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु, मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी पहुंचे हैं। रेल मंत्री ने कुरुक्षेत्र से मथुरा के बीच गीता जयंती ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पहले कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी आना था, लेकिन एेन वक्त पर उनका दौरा हो गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि प्रत्येक समस्या का समाधान गीता में निहित है। गीता का उपदेश द्वापर युग में कलयुग के लोगों का कल्याण करने के लिए दिया गया है। उन्होंने कहा कि गीता को कोई धार्मिक पुस्तक नहीं है बल्कि यह एक अलौकिक ग्रंथ है जो हमें ईश्वर के साक्षात दर्शन कराता है।

फूलों से सजाई गई कुरुक्षेत्र-मथुरा ट्रेन।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रही अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश संपूर्ण मानव जाति व पूरी दुनिया के लिए दिया है। गीता के केवल एक अध्याय में युद्ध का वर्णन किया गया है बाकि 17 अध्याय मानव दर्शन पर आधारित है। उन्होंने सभी लोगों से गीता का अध्ययन करने का आह्वान किया।

इस दौरान कुवि के कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य मेहमानों ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के सोवेनियर का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि जीवन में सद्गुणों को अपनाने की सरलतम विधि है गीता का पाठ।

अमेरिका से आए स्टीफन ने कहा कि गीता जीवन जीने की नियमावली है जिसके माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को शांति के मार्ग का पता चलता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भगवद्गीता को पुस्तकालयों से बाहर निकालकर अपने जीवन में लागू करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम देश यहां के दर्शन शास्त्र की महानता की वजह से भारत की ओर देख रहे हैं, इसलिए भारत को अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय देना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी गिरी महाराज ने कहा कि गीता दिल से दिल की बात है। विज्ञान ने सारी दुनिया को एक कर दिया है, लेकिन प्रत्येक मनुष्य अकेला हो गया है। ऐसे में गीता ही हमें सही मार्ग दिखा सकती है। आज पूरी दुनिया दुर्योधनवादी सोच की हो गई है, लेकिन हमें अर्जुनवादी सोच को अपनाने की जरूरत है।

राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि गीता मनुष्य को ईश्वर बनाती है। गीता के 700 श्लोक जीवन जीने की कला सिखाते हैं। अंत में कुलसचिव डॉ. प्रवीण कुमार सैनी ने सभी का धन्यवाद किया।

महाआरती में 10 दिसंबर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह करेंगे शिरकत

इसके अलावा 10 दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ब्रह्मसरोवर की महाआरती में भाग लेने आ रहे हैं। इस महाआरती से पहले केंद्रीय मंत्री ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में गोवा की राज्यपाल डॉ. मृदुला सिन्हा भी पहुंचेंगी। इन सभी कार्यक्रमों को लेकर उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने वीरवार को सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

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