स्कूल प्रशासन की लापरवाही से मासूम की गई जान

-स्कूल वैन में नहीं था परिचालक -पहले हुई घटना से भी नहीं ली सीख जागरण संवाददाता, कु

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Dec 2017 09:57 PM (IST) Updated:Tue, 19 Dec 2017 09:57 PM (IST)
स्कूल प्रशासन की लापरवाही से मासूम की गई जान
स्कूल प्रशासन की लापरवाही से मासूम की गई जान

-स्कूल वैन में नहीं था परिचालक

-पहले हुई घटना से भी नहीं ली सीख

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

स्कूलों प्रशासन की लापरवाही के कारण पांच वर्षीय अरमान की मौत हो गई। स्कूल प्रशासन ने वैन पर कोई भी परिचालक तैनात नहीं किया हुआ था। जिससे चालक ने बच्चों को उतारते ही वैन को वापस मोड़ दिया। जिससे वैन का पहिया अरमान के ऊपर से निकल गया। ऐसा ही हादसा 21 जुलाई 2016 को अग्रसेन पब्लिक स्कूल में घटित हो चुका है। जब स्कूल के अंदर ही छात्र डाबिस गिरधर बस की चपेट में आ गया। इसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया था और आनन-फानन में बैठकों का दौर भी चला, मगर सख्ती अब भी दिखाई नहीं दी। जिसका परिणाम सिरसला के अरमान की मौत के साथ सामने आ गया है।

पिछले वर्ष भी घटी थी दर्दनाक घटना

21 जुलाई 2016 को भी

सेक्टर 13 स्थित महाराजा अग्रसेन पब्लिक में बड़ी घटना घटी थी । पास के गांव उमरी निवासी रवि गिरधर का छह वर्षीय पुत्र डेविस गिरधर इस स्कूल में पढ़ता था। दोपहर बाद स्कूल की छुट्टी होने के बाद वह घर जाने के लिए अपनी वैन की तरफ जा रहा था। इसी दौरान स्कूल वैन के ड्राइवर ने बिना पीछे देखे लापरवाही से वैन को बैक किया। इससे डेविस वैन के नीचे आ गया।

उसके सिर में गंभीर चोट आई थी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल संचालकों को कई निर्देश जारी किए थे

ग्रामीणों में स्कूल संचालकों के प्रति रोष

ग्रामीणों में माता पंजाब कौर स्कूल के संचालकों के प्रति गहरा रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि वैन चालक मौके से तुरंत फरार हो गया और उसने स्कूल संचालकों को जानकारी दी। जिसके बाद स्कूल संचालक गांव में आए, मगर स्कूल संचालक इसे कुदरत का खेल कह रहे हैं, जबकि इसके लिए स्कूल संचालक ही जिम्मेदार हैं। जिन्होंने ऐसे चालक को नौकरी पर रखा हुआ है, जो बच्चों को सुरक्षित घर तक न पहुंचा सके। ग्रामीणों का कहना है कि बस में सहायक भी नहीं रखा गया।

बस में सहायक का होना आवश्यक

स्कूल बसों के अंदर चालक के साथ सहायक का होना जरूरी है। मंगलवार को हुए हादसे के दौरान स्कूल वैन सहायक नहीं था। चालक ने लापरवाही दिखाई और बच्चों को वैन से दूर भी नहीं जाने दिया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अरमान अभी वैन से उतरा था कि चालक ने वैन को वापिस मोड़ दिया। कहने को तो सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के 22 नियम हैं। शहरी क्षेत्रों में तो कुछ नियमों का पालन किया जाता है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी की जाती है। पुलिस व प्रशासन भी ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।

प्रशासन के फटकार के बाद भी स्कूल बसों की स्पीड पर कंट्रोल नहीं

स्कूल बसों की स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित की गई है, मगर स्कूल बस चालक निर्धारित स्पीड से ज्यादा बस चला रहे हैं।इसको लेकर उपायुक्त ने बीते माह हुई बैठक में एक स्कूल संचालक को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि ओवर स्पीड में बस चल रही थी। इस पर स्कूल संचालक कोई जवाब नहीं दे पाया था। इसके बाद भी स्कूल संचालकों ने संज्ञान नहीं लिया।

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