जीटी रोड के ढाबों पर चल रहा नशे का बड़ा कारोबार
पार्ट-1 फोटो-31 व 32 -पुलिस कार्रवाई के नाम पर करती है दिखावा -एक भी ढाबा संचालक नही
पार्ट-1
फोटो-31 व 32
-पुलिस कार्रवाई के नाम पर करती है दिखावा
-एक भी ढाबा संचालक नहीं आया पकड़ में
-पिछले वर्ष पुलिस ने 23 मामले दर्ज किए, सभी आरोपित ढाबों के आसपास से पकड़े गए
-शाहाबाद क्षेत्र में पुलिस रिकार्ड में 27 ढाबे जबकि 40 से अधिक चल रहे
जतिन्द्र ¨सह चुघ, शाहाबाद : शाहाबाद क्षेत्र में नेशनल हाइवे नंबर-एक के दोनों तरफ बने ढाबे नशे के कारोबार का बहुत बड़ा अड्डा हैं। इन ढाबों पर बड़ी संख्या में ट्रक खड़े होते हैं जिनके चालक इन ढाबों पर बिकने वाले नशीले पदार्थो के सबसे बड़े ग्राहक हैं। यही नहीं जब ढाबे पर जगह नहीं होती तो हाइवे के किनारे ही चालक ट्रक को खड़ा कर देते हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है। कई बार पुलिस द्वारा दिखावे के लिए इनके खिलाफ अभियान भी चलाया गया। कुछ ढाबों के आसपास से नशीले पदार्थ के साथ कुछ लोग पकड़े गए। पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई भी की लेकिन इस कार्रवाई का कोई असर नहीं हुआ यह धंधा रुकने की बजाये और बढ़ गया। क्योंकि ढाबा संचालक पुलिस के गिरफ्त में नहीं आए।
पुलिस आंकड़ों की मानें तो हाइवे पर शाहाबाद की सीमा में 27 ढाबे चल रहे हैं लेकिन असल में इनकी संख्या 40 या इससे भी ज्यादा हो सकती है। कुछ ढाबों को छोड़कर अन्य सभी पर ट्रकों की भरमार रहती है। आम वाहन चालक इन ढाबों पर नहीं रुकती। इन ढाबों में कुछ ऐसे भी हैं जिनके परिसर में 20 से भी अधिक ट्रक एक साथ खड़े रहते हैं। जिसका मुख्य कारण नशा है। कुछ चालक नशा खरीदते हैं तो कुछ सप्लाई भी करते हैं। लेकिन यह काम इतनी सफाई व सतर्कता के साथ होता है कि किसी को कानों कान खबर नहीं होती। ढाबा संचालकों व ट्रक चालकों के मिले होने के कारण इनका भंडा फोड़ नहीं हो पा रहा है लेकिन नशे का व्यापार हर दिन बढ़ता जा रहा है।
हादसों का बन रहे कारण
कई बार ट्रक चालक अपने वाहनों को सड़क किनारे लगा देते हैं जिस वजह से अनेक दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद पुलिस ऐसे चालकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं करती।
मारकंडा पुल पर रहता ट्रकों का जमावड़ा
शाहाबाद के मारकंडा पुल पर ट्रकों का जमावड़ा रहता है। क्योंकि यहां चाय व पंक्चर बनाने वाले व अन्य खोखो में चल रही दुकानों की भरमार है। इस तरह की दुकानों हाइवे पर अवैध रूप से चल रही हैं। हाइवे किनारे खड़े ट्रक हादसों का मुख्य कारण हैं क्योंकि इन वाहनों के कारण पुल पर जाम की स्थिति रहती है और ¨लक रोड बिल्कुल बंद हो जाते हैं। हालांकि पुलिस बार-बार इन खोखोनुमा दुकानों को हटाती है लेकिन कुछ दिन बाद ये दुकानें शुरू हो जाती हैं।
23 मामलों में एक भी ढाबा संचालक नहीं
पिछले वर्ष पुलिस ने इन ढाबों तथा उसके आसपास अभियान चलाकर कर 23 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से अधिकतर आरोपी ढाबों के आस-पास ही पकड़े गए हैं। ढाबे से नशा पकड़ने या धंधा करने वालों को पकड़ने में पुलिस असफल साबित रही है। जिस वजह से ढाबा संचालक बेझिझक इस काम को कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस योजना के तहत कार्य करे तो कई ढ़ाबा संचालक लपेटे में आ सकते हैं।
ढाबों पर है नजर
इस बारे में थाना प्रभारी मलकीत ¨सह ने कहा कि पुलिस के साथ-साथ गुप्तचर विभाग व सिविल वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों की ढाबों पर पैनी निगाह है। पुलिस तंत्र के अलावा पब्लिक से मिली गुप्त सूचना के आधार पर भी काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ढाबों की जांच भी की जाती है। अगर कोई मामला मिलता है केस दर्ज किया जाता है।