मानव कल्याण के भागवत की रचना : विष्णुकांत

कुरुक्षेत्र महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में श्री कृष्ण कृपा गोशाला में भागवत कथा का मंगलवार को आयोजित किया गया। व्यासपीठ से अमृत वर्षा करते हुए भागवताचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने कहा कि मानव कल्याण के लिए भागवत की रचना व्यास ने की थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 06:54 AM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 06:54 AM (IST)
मानव कल्याण के भागवत की रचना : विष्णुकांत
मानव कल्याण के भागवत की रचना : विष्णुकांत

फोटो संख्या : 25

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में श्री कृष्ण कृपा गोशाला में भागवत कथा का मंगलवार को आयोजित किया गया। व्यासपीठ से अमृत वर्षा करते हुए भागवताचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने कहा कि मानव कल्याण के लिए भागवत की रचना व्यास ने की थी। यह ग्रंथ उन सबके लिए है जो सत्य को मानते हैं। कथा का शुभारंभ भाजपा के जिला प्रधान राजकुमार सैनी, केडीबी सदस्य सुशील राणा, कुलदीप शर्मा गोल्डी, राकेश जिदल, मेनका गोयल और आज के यजमान हंसराज सिगला, संगीता सिगला, पिकी जिदल और बलवंत सिंह ने भागवत पूजा व दीप प्रज्वलित करके किया। कथावाचक विष्णुकांत शास्त्री ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया।

विष्णुकांत शास्त्री ने कहा कि भागवत का प्रारंभ वेदव्यास जी ने भगवान को नमन करके नहीं बल्कि सत्य को नमन कर किया था। यह केवल सनातन धर्म का ही नहीं, बल्कि उन सबका ग्रंथ है जो सत्य को मानते हैं। व्यास जी ने भगवान कृष्ण को सत्य के रूप में संबोधित किया। देवताओं ने भी सत्य से ही भगवान कृष्ण का संबोधन किया। सारा जगत विष्णुमय है। जल का काम बहना है और गिरीराज पर्वत का काम टिके रहना है, लेकिन जब वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण ने बांसुरी बजाई तो उसकी धुन सुनकर गिरीराज अपना स्वभाव छोड़कर पिघल गए और यमुना जी अपना बहने का स्वभाव छोड़कर स्थिर हो गई थी। यह भगवान की बासुंरी का ही कमाल था। इस मौके पर विजय नरूला, भारतभूषण गाबा, एसआइ विनोद शर्मा, श्री कृष्ण कृपा गोशाला के महासचिव सुनील वत्स, मंगतराम जिदल, कृष्ण लाल, मंगतराम मेहता, सविता शर्मा, रमाकांत शर्मा, पवन भारद्वाज, गिरवर शर्मा, श्याम आहुजा व केके कौशल ने भागवत कथा का रसावादन किया।

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