मौसम की मार, भूमि पुत्र सरकार के द्वार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कहते हैं कि किसान का साथ अगर मौसम दे तो वह किसी की परवाह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 07:57 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 07:57 PM (IST)
मौसम की मार, भूमि पुत्र सरकार के द्वार
मौसम की मार, भूमि पुत्र सरकार के द्वार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कहते हैं कि किसान का साथ अगर मौसम दे तो वह किसी की परवाह नहीं करता, लेकिन अगर मौसम ही किसान को मार दे उसे कोई बचा नहीं सकता। इस बार ऐसा ही हुआ। किसानों की पकी धान की फसल मात्र तीन दिन की बरसात और तेज हवाओं की चपेट में ऐसी आई कि धरती पुत्र को चिंता में डाल दिया। मंगलवार को कृषि एवं कृषक विभाग में मुआवजे के लिए लगी लंबी लाइन यही बया कर रही है कि किसानों को कितना मोटा नुकसान हुआ है। सोमवार और मंगलवार दो दिनों में जिले के लगभग पांच हजार किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है। विभाग के अधिकारियों की माने तो अनुमान है कि इस बार जिले में लगभग 20 हजार एकड़ फसल बरसात में बर्बाद हो गई है।

क्षेत्र में पिछले तीन दिनों में क्षेत्र में लगभग 200 एमएम बरसात हुई है। जिसके साथ ही तेज हवाएं भी चली। क्षेत्र में इस समय जीरी की परमल किस्म की फसल पककर तैयार है। ऐसे में बरसात और तेज हवाओं ने पकी पकाई फसल को पानी में गिरा दिया। जिसके कारण क्षेत्र में हजारों एकड़ फसल बर्बाद हुई है। प्रदेश सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा के बाद किसानों ने जिला कृषि एवं कृषि विकास विभाग में आवेदन भी किए। सोमवार और मंगलवार को पूरा दिन किसानों की लंबी लाइनें वहां लगी रहीं।

37 हजार ने कराया है बीमा

क्षेत्र में भले ही बीमा कंपनियों को इस बार बीमा देना पड़े, लेकिन उसके बाद भी उनकी कमाई कम नहीं ही होगी। इस वर्ष जिले के 37 हजार किसानों ने फसली बीमा कराया है। जबकि जिले के मात्र पांच हजार किसानों ने आवेदन किया है। फोटो संख्या- 40

रो नहीं सकते, लेकिन बचा कुछ नहीं है : गुरमीत

पिहोवा के किसान गुरमीत ¨सह ने कहा कि उनकी पूरी फसल पककर तैयार हो चुकी थी। जिस पर उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर दिए थे अब जब वो एक दो दिन में कटने वाली थी तो बरसात में यह हालत हो गई कि उसमें से एक दाना भी उठाना मुश्किल हो गया है। किसान का कहना है कि किसान रो नहीं सकता, लेकिन रोने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। हालात ये हैं कि इस वर्ष घर का खर्च चलाना भी मुश्किल होगा। फोटो संख्या- 41

जमा पूंजी के साथ ही कर्ज में भी डूबा किसान : कुलदीप ¨सह

सारसा के किसान कुलदीप ¨सह ने बताया कि उनकी 12 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। जो उन्होंने अपनी जमा पूंजी और कर्ज लेकर तैयार की थी। अब सब कुछ बर्बाद हो गया है। उनकी जैसी हालत ही अन्य किसानों की भी है। कर्ज का बोझ इस वर्ष और अधिक बढ़ जाएगा। अब ये बीमा कंपनियों के अधिकारियों के सामने लाइनों में खड़े हैं। देखते हैं ये क्या देते हैं। खर्च पूरा होना भी मुश्किल है। फोटो संख्या- 42

बीमा कंपनियां कर रही हैं आनाकानी : म¨हद्र ¨सह बारना

किसान म¨हद्र ¨सह का कहना है कि फसल तो मर चुकी है, लेकिन बीमा कंपनियां अब आनाकानी कर रही हैं। बीमा तो बैंकों ने कर दिया, किस कंपनी में किया उन्हें तो यह तक भी नहीं पता है। अब सरकार के ऊपर है कि वे उनको मुआवजा दिलवाए या फिर नहीं । वे दो दिनों से लाइनों में लग रहे हैं तब जाकर कहीं फार्म भरा गया है। उसका कोई रिकार्ड तो उनके पास नहीं है। फोटो संख्या- 43

ऊंट के मुंह में जीरे के समान होगा मुआवजा : कुल¨वद्र ¨सह

हसनपुर के किसान कुल¨वद्र ¨सह का कहना है कि फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों ने पैसे तो पूरे ले लिए हैं, लेकिन अब पूरे गांव की फसल देखने की बात कर रहे हैं। आखिर बीमा उनकी फसल का किया है तो उनसे ही पूछा जाए कि कितनी निकलती है। अब पूरे गांव की औसत निकाल कर देखी जाने की बात कह रहे हैं। इसके अलावा किसानों की गिरदावरी जल्द की जाए। जिससे असल में नुकसान का पता चल जाए। फोटो संख्या- 44

जल्द होगी गिरदावरी : डॉ. कर्मचंद

जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद ने कहा कि वे पूरा दिन कार्यालय में थे। किसी भी किसान को दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। लगभग पांच हजार किसानों ने आवेदन किया है सभी की समय पर गिरदावरी की जाएगी और फसल के नुकसान के अनुसार ही मुआवजा भी दिया जाएगा।

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