पराली जलाने वालों पर प्रशासन सख्त, होगा केस दर्ज

कुरुक्षेत्र। धान कटाई शुरू होते ही पराली या फसल अवशेष जलाने वालों पर प्रशासन सख्त हो गया है। ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 06:55 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 06:55 AM (IST)
पराली जलाने वालों पर प्रशासन सख्त, होगा केस दर्ज
पराली जलाने वालों पर प्रशासन सख्त, होगा केस दर्ज

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धान कटाई शुरू होते ही पराली या फसल अवशेष जलाने वालों पर प्रशासन सख्त हो गया है। ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अधिकारी भी इन पर नजर रखेंगे।

डीसी शरणदीप कौर बराड़ ने इसको लेकर वीरवार को लघु सचिवालय के सभागार में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। इसमें खेतों में खड़े फसल अवशेषों को आमजन के आग न लगाने के प्रति जागरूक करने की तैयारियों पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि भूमि की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने और पर्यावरण को बचाने के लिए फसल अवशेषों का प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए किसान फसल अवशेषों को खेतों में न जलाकर उनका प्रबंधन करने पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को आग लगाने से हवा जहरीली हो जाती है। जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। खेतों में फसल के फानों व अवशेषों को मिलाने से नाईट्रोजन की मात्रा बढ़ती है और अगली फसल में कम खाद की जरूरत होती है। इस अवसर पर एडीसी वीना हुड्डा, एसडीएम थानेसर अखिल पिलानी, पिहोवा एसडीएम सोनूराम, लाडवा एसडीएम अनिल यादव व एसडीएम शाहाबाद डा. किरण सिंह मौजूद रहे।

एसडीएम होंगे नोडल अधिकारी

डीसी ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र के नोडल अधिकारी नियुक्त किया। वे रोजाना संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। अगर कोई व्यक्ति पराली जलाते पाया जाता है तो उसका चालान कर उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। गांव स्तर पर कृषि विकास अधिकारी, संबंधित पटवारी और ग्राम सचिव की कमेटी काम करेगी। यह कमेटी अपने क्षेत्र में किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने का काम करेगी।

तीन महीने हर रोज कराई जाएगी मुनादी

गांवों में अगले तीन महीने तक मुनादी कराकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। विशेष तौर पर जीटी रोड के दोनों तरफ से संबंधित अधिकारी रोजाना अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा करेंगे। यहां पराली नहीं जलनी चाहिए। डीडीपीओ सभी गांवों का ब्लॉक स्तर पर एक वाट्सएप ग्रुप बनाए। इसमें सरपंच, ग्राम सचिव, चौकीदार, पटवारी और अन्य अधिकारियों को भी शामिल किया जाएं।

लघु सचिवालय में बनाया गया कंट्रोल रूम

लघु सचिवालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका नंबर 1950 है। कोई भी व्यक्ति पराली जलने से संबंधित सूचना इस नंबर पर दे सकता है। इसके अलावा सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में कंट्रोल रूम बनाने की व्यवस्था करेंगे। सभी अधिकारियों से सप्ताह में फीडबैक लिया जाएगा।

जिले के 31 गांव रेड जोन में शामिल

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक प्रदीप मिल ने बताया कि जिले के 398 गांवों में किसान सभा का आयोजन किया गया है। संवेदनशील, अतिसंवदेनशील को सूचिबद्घ कर रेड जोन व ओरेंज जोन बनाए गए हैं। रेड जोन में 31 और ओरेंज जोन में 108 गांव शामिल हैं। इन गांवों में दो बार शिविर लगाए जाएंगे।

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