अभाविप के छात्र नेताओं से एक साल बाद हटा प्रतिबंध

कुरुक्षेत्र । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का दायित्व संभाल रहे दो विद्यार्थियों की एंट्री पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Aug 2020 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 27 Aug 2020 06:20 AM (IST)
अभाविप के छात्र नेताओं से एक साल बाद हटा प्रतिबंध
अभाविप के छात्र नेताओं से एक साल बाद हटा प्रतिबंध

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का दायित्व संभाल रहे दो विद्यार्थियों की एंट्री पर प्रतिबंध कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हटा लिया है। जबकि इन्हीं के साथ दो विद्यार्थियों पर जुर्माना लगाया गया था। केयूके प्रशासन ने यह प्रोक्टोरियल बैठक में विद्यार्थियों के पक्ष सुनने के बाद फैसला लिया है। इन विद्यार्थियों की कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन करने व सुरक्षा कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की करने के आरोप में प्रतिबंध लगाया था। इन आदेशों को अब निरस्त कर दिया गया है। इसे परिषद ने सच्चाई की जीत बताया है।

अभाविप जिला संयोजक देव शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष छात्रों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया गया था। तब पूर्व कुलपति ने अभाविप के छात्र नेताओं पर बैन और जुर्माना लगा दिया था। छात्र नेताओं का बस इतना कसूर था कि उन्होंने छात्रों के हितों की आवाज उठाते हुए कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद बैन हुए संगठन के कार्यकर्ताओं ने अपने संगठन में शीर्ष स्तर पर बात की और पूर्व कुलपति का विरोध जारी रखा। देव शर्मा का आरोप है कि कार्यकर्ताओं के साथ हुए अन्याय करने का खामियाजा पूर्व कुलपति को भुगता पड़ा और अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि संगठन में दायित्व पर रहे कार्यकर्ता संदीप सजूमा और श्याम रावत की विश्वविद्यालय में एंट्री बैन कर दी गई थी वही गौरव सैनी और हिमांशु ठाकुर पर जुर्माना लगाया गया था। उनके जाने के बाद जिन छात्र नेताओं पर बैन व जुर्माना लगा था उन्होंने फिर से अपने साथ हुए अन्याय को केयूके प्रशासन के सामने रखा तब सात अगस्त को हुई प्रोक्टोरियल बैठक में छात्र नेताओं को बुलाया और पक्ष सुना गया। अब अभाविप के छात्र नेताओं से बैन हटा दिया गया है। देव शर्मा ने कहा कि अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन को सोचने पर मजबूर किया तब जाकर पिछले एक साल से प्रताड़ना सह रहे छात्रों को न्याय मिला, छात्रहित की आवाज अभाविप सदैव उठाता रहेगा।

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