किलर रोड के नाम से जाना जाता एनएच 65
संवाद सहयोगी, पिहोवा
एनएच 65 किलर रोड साबित हो रहा है। इस रोड पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं लोगों का जीवन लील रही है। सड़क के इन गहरे गढ्डों ने कितने ही घरों के चिरागों को बुझा दिया है, इसका अंदाजा लगाना भी कठिन है। हम बात कर रहे है पाली को अंबाला से जोड़ने वाले एनएच 65 की।
पाली से अंबाला को जोड़ने वाले एनएच 65 में गाव मलिकपुर से लेकर इस्माईलाबाद तक सड़क की खस्ता हालत से आमजन परेशान है। खास बात यह है कि नेशनल हाईवे के अधिकारी भी इस बात से अंजान नहीं है, लेकिन सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठे हैं।
सड़क किनारे स्थित
दर्जनों शिक्षण संस्थान
एनएच 65 के साथ दर्जन भर शिक्षण संस्थान स्थित हैं। इन संस्थानों में रोजाना हजारों स्कूली छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए अपने निजी वाहनों या स्कूली बसों से या फिर पैदल पहुचते है। घरों से निकलने वाले इन विद्यार्थियों के अभिभावकों को इनकी चिंता सताती रहती है। पिछले कुछ समय में कई स्कूली छात्रों को भी एनएच 65 अपने काल का ग्रास बना चुका है।
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लापरवाही की हुई हद
हाईवे पर ही किराने की दुकान चलाने वाले राम निवास का कहना है कि मलिकपुर से इस्माईलाबाद तक इस सड़क की हालत काफी खराब है। विभाग की ओर से इस सड़क को दुरूस्त करने और दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वहीं ग्रामीण सतबीर का कहना है कि समय - समय पर इस सड़क पर पैच वर्क तो किया जाता है, लेकिन इसका स्थाई समाधान आज तक भी नहीं पाया।