विज्ञान भैरव के रहस्यों से रू-बरू होगी दुनिया

कश्मीरी शैव संप्रदाय के उपसंप्रदाय त्रिक के मुख्य ग्रंथ विज्ञान भैरव के रहस्यों से अब पूरी दुनिया रू-बरू होगी। चर्चित अभिनेता लेखक निर्माता-निर्देशक करण राजदान इस अछूते व रहस्यमयी विषय पर फिल्म बना रहे हैं जिसमें भगवान शिव के विराट स्वरूप को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दर्शाया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 09:17 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 09:17 AM (IST)
विज्ञान भैरव के रहस्यों से रू-बरू होगी दुनिया
विज्ञान भैरव के रहस्यों से रू-बरू होगी दुनिया

पवन शर्मा, करनाल: कश्मीरी शैव संप्रदाय के उपसंप्रदाय त्रिक के मुख्य ग्रंथ 'विज्ञान भैरव' के रहस्यों से अब पूरी दुनिया रू-बरू होगी। चर्चित अभिनेता, लेखक, निर्माता-निर्देशक करण राजदान इस अछूते व रहस्यमयी विषय पर फिल्म बना रहे हैं, जिसमें भगवान शिव के विराट स्वरूप को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दर्शाया गया है। करण को यकीन है कि 'शिवा-द गॉड ऑफ तंत्र' से भारत की नई वैश्विक पहचान बनेगी। हरियाणा में नई फिल्म से जुड़ी तैयारियों के तहत आए राजदान बुधवार को दैनिक जागरण के रू-बरू हुए। उनसे वार्ता के प्रमुख अंश। जागरण:- नई फिल्म के बारे में क्या खास है?

करण:- 'शिवा-द गॉड ऑफ तंत्र' दरअसल, विश्वास नाम के एक व्यक्ति की यात्रा है जो दक्षिण काशी नामक स्थान पहुंचता है। विश्वास एक ऐसे व्यक्ति से मिलता है, जो संदेह करता है कि शिव का अस्तित्व है। विश्वास आस्था का प्रतीक है तो उक्त व्यक्ति संदेह का। लेकिन दोनों एक साथ यात्रा करते हैं और इस तरह शिव की वास्तविक खोज होती है। मनुष्य के जीवन में भी यही होता है। फिल्म आदि ग्रंथ 'विज्ञान भैरव' से प्रेरित है, जिसे पूरी दुनिया के दर्शकों के लिए डॉक्यूड्रामा के रूप में बनाया जा रहा है।

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जागरण:- 'विज्ञान भैरव' क्या है ? करण:- यह कश्मीरी शैव संप्रदाय का मुख्य ग्रंथ है। शिव-शक्ति संवाद पर आधारित इस ग्रंथ में 112 आध्यात्मिक विधियों का वर्णन है। भगवान शिव यह कहते हुए इन विधियों का वर्णन करते हैं कि अगर देवी विधियों से गुजरें तो उन्हें उनके प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। यानि, उत्तर परोक्ष हैं, प्रत्यक्ष नहीं। तंत्र में यही भाव निहित है। अर्थात इसे करना ही वास्तविक रूप में जानना है। एक प्रकार से यह परमात्मा को जानने की 112 आध्यात्मिक विधियों का सशक्त फिल्मांकन है।

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जागरण:-फिल्मी दुनिया में अब तक का सफर कैसा रहा?

करण:- तीस वर्ष से फिल्मों और टेलीविजन के लिए लिख रहा हूं। अभिनय भी किया, लेकिन विलेन बना तो स्क्रीन पर बहुत मार पड़ती थी। इसलिए काम बदल लिया। 1995 में मैंने टेलीविजन शो 'तहकीकात' का निर्देशन किया, जिसका लेखक और निर्माता भी मैं ही था। इससे पहले मैंने 'रजनी' शो लिखा था, जो भारतीय टेलीविजन इतिहास के सबसे हिट शो में एक है। मेरी हिट फिल्मों में 'दिलवाले', 'दिलजले', 'त्रिमूर्ति', 'क़यामत' प्रमुख हैं।

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जागरण:-विवादों से आपका गहरा नाता रहा है, क्या कहेंगे ?

करण:- यह हमारी जिदगी का अहम हिस्सा है। 2004 में मैंने 'गर्लफ्रेंड' नाम की विवादास्पद फिल्म लिखी और निर्देशित की। कई जगह मेरे पुतले जलाए गए मगर फिल्म दुनिया भर में बड़ी हिट हुई। फिल्म में विवादास्पद तत्व यह था कि इसमें समलैंगिक चरित्र दर्शाया गया। मेरी फिल्म मित्तल वर्सेज मित्तल वैवाहिक दुष्कर्म की स्याह हकीकत दर्शाने के कारण चर्चा में रही। मिस्टर भट्टी ऑन छुट्टी भी बेहद पसंद की गई। दरअसल, सिनेमा व जीवन के प्रति मेरा नजरिया समान है।

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जागरण:- आपने पुस्तकें भी लिखी हैं ?

करण:- जी हां। कुछ रहस्य की बातें, तंत्रा एंड द तंत्रिका और द सीक्रेट लॉ ऑफ ब्लेसिग मेरी प्रमुख पुस्तकें हैं, जिनमें आध्यात्मिकता के विविध रूप उल्लिखित हैं।

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जागरण:- हरियाणा किस प्रयोजन से आना हुआ ?

करण:- यहां नए प्रोजेक्ट के लिए मैंने अपने करनाल के दोस्त प्रीतपाल सिंह पन्नू के साथ कई लोकेशन देखी हैं। हम मिलकर एक बड़ी फिल्म बनाने जा रहे हैं। प्रयास रहेगा कि हरियाणा की संस्कृति को मूल में रखते हुए यहां की विविधता और प्रतिभा, दोनों का बेहतर सदुपयोग हो।

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कौन हैं करण

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक करण ने बॉलीवुड के सफर की शुरुआत 1982 में आई फिल्म जीवन धारा से की। सुपरहिट फिल्म डिस्को डांसर में सैम ओबेरॉय का किरदार निभाया। तुम लौट आओ, •ारा सी जिदगी और कसम पैदा करने वाले की उनकी अन्य प्रमुख फिल्में हैं। बतौर लेखक और निर्माता-निदेशक उन्होंने खासी कामयाबी हासिल की। करण की शादी प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रिया तेंदुलकर से हुई थी। 2012 में प्रिया की मौत ब्रेस्ट कैंसर से हो गई थी।

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