खेल अधिकारी की मनमानी से चौबीस नर्सरियों के प्रशिक्षक नियुक्त

कर्ण स्टेडियम में अधिकारियों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। कोचों की नियुक्ति के संबंध में खेल एवं युवा कार्यालय विभाग की ओर 3 जुलाई को जारी पत्र कोई मायने नहीं रखता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Jul 2019 08:45 AM (IST) Updated:Tue, 09 Jul 2019 08:45 AM (IST)
खेल अधिकारी की मनमानी से चौबीस नर्सरियों के प्रशिक्षक नियुक्त
खेल अधिकारी की मनमानी से चौबीस नर्सरियों के प्रशिक्षक नियुक्त

जागरण संवाददाता, करनाल : कर्ण स्टेडियम में अधिकारियों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। फेसिलिटी सेंटर में खेल का सामान रख निर्माण कार्य में बाधा डालना, बॉक्सिग हॉल में दो माह से ताला लगाकर खिलाड़ियों को धक्के खाने को मजबूर करने के बाद अब इनकी मनमानी नर्सरी में कोच के लिए आवेदन करने वालों पर भारी पड़ रही है। कोचों की नियुक्ति के संबंध में खेल एवं युवा कार्यालय विभाग की ओर 3 जुलाई को जारी पत्र कोई मायने नहीं रखता है। तभी तो जिला अधिकारी ने 24 प्रशिक्षकों की नियुक्ति को फाइनल करके उच्चाधिकारियों को सूची भेज दी है। अब नर्सरी के लिए आवेदन करने वाले कोच और शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि स्टेडियम में हाथ-पांव जोड़ने को मजबूर हैं, लेकिन अधिकारी की जिद के आगे किसी की नहीं चल रही है।

संयुक्त निदेशक से फोन पर बात को नकारा

मुख्यालय के पत्र के आधार पर जब शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि और कोच जिला अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे तो उन्होंने पत्र से खुद को अंजान बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि ने संयुक्त डायरेक्टर सुनीता शर्मा से फोन पर बात की तो उन्होंने 10 जुलाई तक आवेदन लेने की बात कबूली और इस संबंध में जिला खेल अधिकारी को भी सुझाव दिया। फोन कट होने के बाद खेल अधिकारी ने नियमों का हवाला देकर आवेदक और शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि को कार्यालय से बाहर कर दिया।

जल्दबाजी में कर दिया स्पैट टेस्ट का शेड्यूल जारी

नर्सरियों में कोचों की आवेदन प्रक्रिया पूरी करके जिला खेल अधिकारी ने स्पैट टेस्ट का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। 11 से 14 जुलाई तक जिन शिक्षण संस्थानों के कोच फाइनल कर दिए गए हैं उनमें स्पैट टेस्ट की तैयारी के आदेश जारी किए गए हैं। पत्र के अनुसार 58 में 24 नर्सरियों के प्रशिक्षकों का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री का शिक्षण संस्थानों में खिलाड़ियों की पौध तैयार करने का सपना जिला अधिकारी की मनमानी के आगे कमजोर पड़ रहा है। इसी का नतीजा है कि मुख्यालय के जारी पत्र में अवधि देने के बावजूद 34 शिक्षण संस्थानों को अलॉट खेल नर्सरी खतरे में पड़ गई है।

जिला खेल अधिकारी के अनुसार अगर किसी शिक्षण संस्थान को कोच का आवेदन करना है तो उच्चाधिकारियों से पहले इसके लिए पत्र जारी कराना होगा।

3 जून को विभाग ने जारी किया पत्र

15 जुलाई तक शिक्षण संस्थानों की ओर से 57 आवेदन स्टेडियम में जमा करा दिए गए थे। इस पर जब दस्तावेजों की जांच की गई तो नेशनल जूनियर और सब-जूनियर, ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी खिलाड़ियों की काबलियत पूरी करने में सवाल पैदा हुआ। इस संबंध में एक जुलाई को मुख्यालय में बैठक के दौरान नर्सरियों में प्रशिक्षकों के आवेदन में शंकाओं को सभी डीएसओ ने निदेशक के समक्ष रखा। निदेशक ने खेल अधिकारियों के सवालों को दूर करते हुए तीन जुलाई को पत्र जारी किया। इसके तहत 10 जुलाई तक शिक्षण संस्थानों को प्रशिक्षकों का प्रबंध करने की राहत दी गई। पत्र को नजरअंदाज कर जिला खेल अधिकारी ने 57 आवेदनों पर अपना फैसला सुना दिया। अब आवेदक खेल अधिकारी के हाथ-पांव जोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। ---वर्जन---

स्टेडियम को नहीं मिला पत्र : सुमन सैनी

जिला खेल अधिकारी सुमन सैनी ने बताया कि उनके पास विभाग की ओर से 10 जुलाई तक नर्सरियों में कोचों की नियुक्ति के लिए कोई पत्र नहीं मिला है। प्रशिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को 3 जुलाई को पूरा कर लिया गया है। 24 नर्सरियों के कोचों की नियुक्ति उच्चाधिकारी को भेज दी गई है। विभाग के आदेश के बिना किसी के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। 24 नर्सरियों में स्पैट टेस्ट का शेड्यूल जारी कर दिया गया है।

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