ग्राउंड रिपोर्ट: कहीं नियमों की पालना को लेकर गंभीरता तो कहीं बरती जा रही लापरवाही

शहरों के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना महामारी पांव पसार चुकी है। जिला के बड़ा गांव निगदू कुंजपुरा निडाना व गांगर सहित अन्य गांवों में भी कोरोना के बढ़ते मामलों ने ग्रामीणों के साथ प्रशासन की चिता भी बढ़ा दी है। ऐसे में शासन-प्रशासन का गांवों पर पूरा फोकस है ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके। इसके लिए लोगों को जागरूक करने के साथ तमाम कदम उठाए जा रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 05:17 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 05:17 AM (IST)
ग्राउंड रिपोर्ट: कहीं नियमों की पालना को लेकर गंभीरता तो कहीं बरती जा रही लापरवाही
ग्राउंड रिपोर्ट: कहीं नियमों की पालना को लेकर गंभीरता तो कहीं बरती जा रही लापरवाही

जागरण टीम, करनाल : शहरों के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना महामारी पांव पसार चुकी है। जिला के बड़ा गांव, निगदू, कुंजपुरा, निडाना व गांगर सहित अन्य गांवों में भी कोरोना के बढ़ते मामलों ने ग्रामीणों के साथ प्रशासन की चिता भी बढ़ा दी है। ऐसे में शासन-प्रशासन का गांवों पर पूरा फोकस है ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके। इसके लिए लोगों को जागरूक करने के साथ तमाम कदम उठाए जा रहे है। इसके बावजूद कहीं नियमों को लेकर गंभीरता बरती जा रही है तो लापरवाही भी बरकरार है। ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान शहर से सटे और मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव काछवा में ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान जागरण टीम को यही हालात दिखे।

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सुबह 11: 10 बजे- गांव का बाजार। पहले जैसी रौनक तो नहीं थी, लेकिन लॉकडाउन का भी पूरा असर नहीं दिखा। कुछ दुकानें बंद थीं तो काफी खुली थीं। कुछ दुकानदार आधा शटर गिराकर दुकानदारी चला रहे थे तो कई में लोगों का जमावड़ा दिखा। मास्क से लेकर शारीरिक दूरी के नियमों की अवहेलना मिली।

11:20 बजे-गांव के बाजार स्थित केनरा बैंक शाखा में लोगों की लाइन बाहर सड़क तक लगी थी। हालांकि अधिकतर लोग मास्क पहने थे लेकिन शारीरिक दूरी का ख्याल नहीं रखा गया।

11:30 बजे- गांव की पाल गडरिया चौपाल सुनसान थी। एक कोने में पड़ोस के दो बुजुर्ग दूरी बनाकर व मुंह को गमछे से ढके बैठे थे। उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर गहरी चिता जताई। बोले-कभी चौपाल में पूरा भाईचारा इकट्ठा हो जाता था और आज ये हालात हैं।

11:45 बजे- ग्राम सचिवालय। मुख्य गेट पर ताला लटका था। छोटा गेट खुला था जबकि परिसर पूरी तरह सुनसान था। बाहर कोई-कोई राहगीर गुजर रहा था तो सड़क पर चहल-कदमी न के बराबर थी।

12:05 बजे- गांव के बस अड्डे पर रौनक दिखी। हालांकि यह सामान्य दिनों जैसी नहीं थी लेकिन यहां सख्ती का ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। यहां महामारी को लेकर जागरूकता बोर्ड, होर्डिंग आदि तक नहीं लगाया गया।

12:18 बजे- गांव का स्वास्थ्य केंद्र, जहां परिसर में ही स्वास्थ्य एवं आंगनवाड़ी कर्मियों को सरकार की योजनानुसार मोबाइल वितरित किए जा रहे थे। अधिकतर ने मास्क लगाया हुआ था लेकिन शारीरिक दूरी को भुला दिया गया। केंद्र के बाहर कई बुजुर्ग टीकाकरण का इंतजार कर रहे थे तो केंद्र के गेट पर ही पंजीकरण को भीड़ लगी थी। महामारी को लेकर आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। केंद्र में पूरी सर्तकता के साथ टीकाकरण किया जा रहा था तो चिकित्सक अपने-अपने कक्षों में व्यस्त थे। यहां लोग चिकित्सकों के व्यवहार से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं से भी संतुष्ट दिखाई दिए लेकिन केंद्र परिसर में कोरोना महामारी को लेकर जागरूकता बोर्ड, होर्डिंग आदि तक नहीं लगे थे तो लोगों की भीड़ वाली जगह सैनिटाइजर तक नहीं था। ----------------

गांव में 116 लोग हो चुके कोरोना संक्रमित, दो की मौत

स्वास्थ्य केंद्र के डा. प्रवेश कुमार के मुताबिक गांव के 116 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें फिलहाल 27 लोग आइसोलेट हैं। एक महिला की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है जबकि हादसे के शिकार हुए एक युवक को भी कोरोना संक्रमण पाया गया था, जिसकी मौत कुछ दिन पहले हो गई थी। --------

सख्ती कायम रखने की जरूरत

ग्रामीण राजे राम, ज्ञान सिंह, सतबीर, सूबे सिंह का कहना था कि यहां कोरोना के सौ से ज्यादा मामले आ चुके हैं। लेकिन पर्यापत सख्ती नहीं है। कई दिन तक भी पुलिस व दूसरे अधिकारी नहीं पहुंचते, जिससे लॉकडाउन व अन्य आदेशों की गंभीरता से पालना नहीं की जाती। महामारी को हराने के लिए पर्यापत सख्ती जरूरी है।

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