शक्ति रुपेण संस्थिता..

आचार्य शुभम शास्त्री ने बताया कि हिदुओं के प्रमुख त्योहारो में से एक शारदीय नवरात्रि अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Sep 2019 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 30 Sep 2019 08:00 AM (IST)
शक्ति रुपेण संस्थिता..
शक्ति रुपेण संस्थिता..

मंदिर का नाम : श्री महाकाली महाकालेश्वर सिद्धपीठ मंदिर वार्ड-6

तरावड़ी : श्री महाकाली महाकालेश्वर सिद्धपीठ मंदिर की स्थापना पुजारी पंडित शिवदत्त शर्मा और धर्मपत्नी सरोज शर्मा की ओर से चैत्र शुक्ल नवमी 1999 में नीव रखी गई थी। पीठाधीश्वर पंडित आचार्य शुभम शास्त्री इस समय मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां पर सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजमान हैं। पूजा-अर्चना के लिए क्षेत्र के भक्तजन सुबह और शाम पहुंचते हैं और आसपास के क्षेत्र के लोगों में मंदिर के प्रति खासी आस्था है। पूजन विधि

आचार्य शुभम शास्त्री ने बताया कि हिदुओं के प्रमुख त्योहारो में से एक शारदीय नवरात्रि अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाएगा। इस वर्ष 2019 में शारदीय नवरात्रों का आरंभ 29 सितंबर रविवार अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होगा और 7 अक्टूबर तक व्रत उपासना का पर्व मनाया जाएगा। दुर्गा पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है अत: यह नवरात्र घट स्थापना प्रतिपदा तिथि को 29 सितंबर के दिन की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रों में शुभ योग बन रहा है। नवरात्र में सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग एक साथ बन रहे हैं। इस बार मां का आगमन हाथी और बिना किसी वाहन के हो रहा है। उन्होंने बताया कि नवरात्रों का प्रत्येक दिन सुख समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला तथा मंगलकारी माना जाता है। इनकी होगी पूजा

पंडित आचार्य शुभम शास्त्री ने बताया कि नवरात्रों में पहले दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होगी, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी स्वरूप, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप, पांचवे दिन स्कंदमाता स्वरूप, छटे दिन कात्यायनी स्वरूप, सातवें दिन कालरात्रि स्वरूप, आठवें दिन दुर्गा अष्टमी, नौवें दिन सिद्धदात्रि स्वरूप की पूजा होगी। दसवें दिन जिन लोगों ने माता दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की होगी, वे विधि-विधान से माता का विसर्जन करेंगे। इस दिन विजयदशमी या दशहरा मनाया जाएगा।

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