आम आदमी के लिए न्याय प्रक्रिया को सहज बनाने का करना चाहिए प्रयास : राजन गुप्ता

न्यायिक अधिकारी के रूप में हमें आम नागरिक के लिए न्याय प्रक्रिया को और अधिक सहज बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। ताकि कोई भी न्यायिक हस्तक्षेप के द्वारा अपने अधिकारों को आसानी से प्राप्त कर सके। यह बातें पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के जस्टिस राजन गुप्ता ने कही। वह शुक्रवार को हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में न्यायिक सेवा के अधिकारियों का 15 दिवसीय सघन पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि देखा गया है कि वर्तमान में प्रत्येक छोटे-छोटे मामलों के लिए जनता पुलिस के माध्यम से कार्रवाई कराने के लिए थानों तक पहुंचती है। इनमें से अनेक मामले तो ऐसे होते हैं, जिन पर इलाका मजिस्ट्रेट की आज्ञा से ही पुलिस कार्रवाई करने का अधिकार क्षेत्र रखती है। संभवत: जटिल न्याय प्रक्रिया के कारण पीड़ित को पुलिस के माध्यम से कार्रवाई आसान लगती है। न्याय के सहज और सरल तौर तरीकों से न्यायालयों के प्रति आमजन के विश्वास में बढ़ोतरी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 May 2018 06:27 PM (IST) Updated:Sat, 26 May 2018 01:08 AM (IST)
आम आदमी के लिए न्याय प्रक्रिया को सहज बनाने का करना चाहिए प्रयास : राजन गुप्ता
आम आदमी के लिए न्याय प्रक्रिया को सहज बनाने का करना चाहिए प्रयास : राजन गुप्ता

जागरण संवाददाता, करनाल : न्यायिक अधिकारी के रूप में हमें आम नागरिक के लिए न्याय प्रक्रिया को और अधिक सहज बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। ताकि कोई भी न्यायिक हस्तक्षेप के द्वारा अपने अधिकारों को आसानी से प्राप्त कर सके। यह बातें पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के जस्टिस राजन गुप्ता ने कही। वह शुक्रवार को हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में न्यायिक सेवा के अधिकारियों का 15 दिवसीय सघन पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि देखा गया है कि वर्तमान में प्रत्येक छोटे-छोटे मामलों के लिए जनता पुलिस के माध्यम से कार्रवाई कराने के लिए थानों तक पहुंचती है। इनमें से अनेक मामले तो ऐसे होते हैं, जिन पर इलाका मजिस्ट्रेट की आज्ञा से ही पुलिस कार्रवाई करने का अधिकार क्षेत्र रखती है। संभवत: जटिल न्याय प्रक्रिया के कारण पीड़ित को पुलिस के माध्यम से कार्रवाई आसान लगती है। न्याय के सहज और सरल तौर तरीकों से न्यायालयों के प्रति आमजन के विश्वास में बढ़ोतरी होगी।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंजाब न्यायिक सेवा के एक अधिकारी सहित दिल्ली न्यायिक सेवा के 58 नवनियुक्त ज्यूडिशियल अधिकारियों भाग लिया। जिनमें 26 महिला अधिकारी भी शामिल हैं।

सफल जज बनने के लिए कानूनी ज्ञान के साथ जमीनी हकीकत समझाना भी जरूरी

जस्टिस राजन गुप्ता ने कहा कि एक सफल जज बनने के लिए कानूनी ज्ञान के साथ-साथ समाज की जमीनी हकीकत को समझना भी बहुत जरूरी है। नियम कायदों के साथ मामले की परिस्थिति की जानकारी सही निर्णय करने में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति पीड़ित को न्याय के लिए हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट ने जाकर सबसे पहले मजिस्ट्रीयल अदालतों में ही फरियाद लेकर आता है। यह मजिस्ट्रीयल अदालत पर निर्भर करता है कि मामले में न्याय कैसे दिलवाना है। विधि का ज्ञान, फोरेंसिक साइंस के बारे में जानकारी, पुलिस की कार्य प्रणाली और जिन परिस्थितियों में वह कार्य करती है उसकी समझ रखने वाले मजिस्ट्रेट की नजर से अपराधी बच नहीं सकते।

पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए अधिकारियों को ईमानदारी से निभानी चाहिए ड्यूटी

हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक केके ¨सधु ने कहा कि आपराधिक न्यायिक प्रणाली के सभी घटकों द्वारा पीड़ित को न्याय दिलवाने में अपनी-अपनी भूमिका पूरी ईमानदारी व सच्चाई के साथ निभानी चाहिए। कार्यक्रम के निदेशक व जिला न्यायवादी शशिकांत शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराते हुए कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान इन अधिकारियों को पुलिस संगठन व कार्यप्रणाली, साइबर अपराध, फोरेंसिक विज्ञान, अपराध न्याय व्यवस्था के सामने चुनौती, प्रत्यार्पण प्रक्रिया, बैंक फ्रॉड मामले, मानव तस्करी मामले, चिकित्सा न्याय विज्ञान, राजस्व अभिलेख, बाल यौन शोषण के मामले, जैसे पेशेवर विषयों के साथ पेशवर नैतिकता व शिष्टाचार आदि विषयों पर शैक्षणिक एवं व्यावहारिक जानकारी प्रदान की जाएगी।

इस अवसर पर हरियाणा सशस्त्र पुलिस के महानिरीक्षक हरदीप ¨सह दून, पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी, अमरजीत कटारिया, विरेंद्र ¨सह, रामपाल व अजय कुमार मौजूद रहे।

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