कोरोना मरीजों के स्वजनों के लिए श्रीकृष्णा मंदिर सेक्टर 14 में शुरू हुआ विश्राम गृह

वर्तमान कोरोना काल में एक ओर जहां कोरोना मरीजों को बीमारी से जूझना पड़ रहा है वहीं उनकी देखरेख कर रहे उनके परिजनों को दोहरी समस्या का सामना करना पड़ता है। एक तो मरीज की देखरेख और दूसरा खुद के रहने की परेशानी। लेकिन अब ऐसे लोगों को ओर परेशान होने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा भारती की प्रेरणा से विश्व हिदू परिषद द्वारा करनाल के सेक्टर 14 में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में कोरोना मरीजों के परिजनों के लिए निशुल्क भोजन व आवास की सुविधा शुरू की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 May 2021 07:26 AM (IST) Updated:Mon, 24 May 2021 07:26 AM (IST)
कोरोना मरीजों के स्वजनों के लिए श्रीकृष्णा मंदिर सेक्टर 14 में शुरू हुआ विश्राम गृह
कोरोना मरीजों के स्वजनों के लिए श्रीकृष्णा मंदिर सेक्टर 14 में शुरू हुआ विश्राम गृह

जागरण संवाददाता, करनाल : वर्तमान कोरोना काल में एक ओर जहां कोरोना मरीजों को बीमारी से जूझना पड़ रहा है, वहीं उनकी देखरेख कर रहे उनके परिजनों को दोहरी समस्या का सामना करना पड़ता है। एक तो मरीज की देखरेख और दूसरा खुद के रहने की परेशानी। लेकिन अब ऐसे लोगों को ओर परेशान होने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा भारती की प्रेरणा से विश्व हिदू परिषद द्वारा करनाल के सेक्टर 14 में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में कोरोना मरीजों के परिजनों के लिए निशुल्क भोजन व आवास की सुविधा शुरू की गई है। अभी इस विश्राम-गृह में सभी दैनिक जरूरी सुविधाओं से पूर्ण नौ कमरे व दो बड़े हॉल 100 से अधिक लोगों के लिए तैयार किये गए हैं, जहां भोजन और ठहरने की व्यवस्था निशुल्क रहेगी। रविवार को गीतामनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने श्रीकृष्ण मंदिर के प्रांगण में हवन-यज्ञ में ज्योति जलाकर इस विश्राम-गृह की सुविधा को शुरू किया। स्वामी जी ने कहा कि कई सालों में ऐसा अवसर आता है जब एक ही दिन में तीन शुभ मुहूर्त आते हैं। ऐसे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा भारती की प्रेरणा से विश्व हिदू परिषद द्वारा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एक आवश्यक सेवा कार्य शुरू किया जा रहा है। यह एक ऐसा समय है जब समस्या भी है और साथ ही उस समस्या के समाधान के प्रयास भी हो रहे हैं, उन समाधानों में जिस ढंग से धार्मिक, सामाजिक संगठन आगे आए है वह वास्तव में राष्ट्रीय गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि जब हम समर्पित, संकल्पित और नियोजित भाव में किसी कार्य में अपने आपको लगाते हैं तो अपने आप ही गणनाएं चलती रहती है कि कहां किस सेवा की आवश्यकता है। कहीं किसी को भोजन देना, दवा देना वो सब एक महत्वपूर्ण सेवाएं है लेकिन एक अच्छी बात है कि आज एक ऐसी सेवा को चुना गया कि जो कोविड मरीजों के परिजनों से संबंधित है। मरीजों के साथ आए अभिभावकों जो उनके साथ बैठ नही सकते ना उनके साथ रह सकते, ऐसे में उन्हें इधर-उधर न भटकना पड़े इसके लिए विश्व हिदू परिषद द्वारा विश्राम गृह बनाया गया है जिसमें भोजन व रहने की निशुल्क व्यवस्था की गई है, यह सराहनीय प्रयास है।

सेवा भारती हरियाणा के अध्यक्ष सतीश चावला ने बताया कि शहर के अस्पतालों में उपचार के लिए करनाल से ही नहीं बल्कि दिल्ली, नोएडा, पानीपत, सोनीपत सहित हरियाणा के कोने-कोने से लोग आ रहे हैं। शहर में ठहरने की व्यवस्था महंगी होने के कारण मरीज के परिजन को इलाज के खर्च और ठहरने की दोहरी समस्या झेलनी पड़ती है। विश्व हिदू परिषद के जिलाध्यक्ष सतीश गुप्ता ने कहा कि उपचार करवा रहे कोरोना पीडि़त मरीजों के वार्ड में परिजनों का ठहरना प्रतिबंधित है। ऐसे में रात-दिन परिजन को यहां वहां भटकते रहना पड़ता है या फिर अस्पताल के प्रतीक्षालय की कुर्सी पर बैठ कर, फर्श पर रात गुजारना पड़ता है।

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