सामूहिक अवकाश से अब फार्मासिस्टों ने लिया हड़ताल पर जाने का फैसला, मरीजों की परेशानी बढ़ी

दो दिन से सामूहिक अवकाश पर गए फार्मासिस्टों की सरकार से वार्ता सिरे नहीं चढ़ने पर अब हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Aug 2019 08:40 AM (IST) Updated:Fri, 30 Aug 2019 06:43 AM (IST)
सामूहिक अवकाश से अब फार्मासिस्टों ने लिया हड़ताल पर जाने का फैसला, मरीजों की परेशानी बढ़ी
सामूहिक अवकाश से अब फार्मासिस्टों ने लिया हड़ताल पर जाने का फैसला, मरीजों की परेशानी बढ़ी

जागरण संवाददाता, करनाल : दो दिन से सामूहिक अवकाश पर गए फार्मासिस्टों की सरकार से वार्ता सिरे नहीं चढ़ने पर अब हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। फार्मासिस्ट मामले का हल नहीं निकलने तक आंदोलन की राह पर रहेंगे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी मुख्य मांग 4600 ग्रेड पे पूरी होने या सरकार से ठोस आश्वासन मिलने तक अपना कार्य छोड़ विरोध प्रदर्शन करेंगे। हरियाणा प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट वर्ग की लगातार तीसरे दिन सामूहिक अवकाश से सरकारी हस्पतालों में मरीजों का बुरा हाल है। एसोसिएशन की महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने से वार्ता सफल नहीं हुई।

फार्मासिस्ट तीसरे दिन भी सामूहिक अवकाश पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी दिखाई दी। नागरिक अस्पताल में सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी, शाम चार बजे तक हालात सामान्य हो पाए। इसके अलावा सीएचसी व पीएचसी स्तर पर भी स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं लौटी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैकल्पिक इंतजाम जरूर किए गए थे, लेकिन वह नाकाफी दिखाई दिए। फार्मेसी काउंटर पर दवाईयां बांट रही स्टाफ नर्स के मामले में इसे फार्मेसी एक्ट 1948 का उल्लंघन बताया।

जिला प्रधान रोहित कौशिक ने कहा कि फार्मासिस्ट वर्ग पूरे प्रदेश की जनता को हो रही परेशानी के लिए माफी मांगता है, पर सरकार ने उनकी लगातार अवहेलना करके गांव के इस डॉक्टर को यह कदम उठाने को मजबूर कर दिया है। सरकार जनता की परेशानी समझती तो फार्मासिस्ट वर्ग की लंबित मांग कब की पूरी कर देती, क्योंकि पूरे प्रदेश के फार्मासिस्ट 6 अगस्त से लगातार अपना विरोध जताते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकारी तंत्र ने स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा काम करने वाले वर्ग को लगातार नीचे धकेलने का कार्य कर रहा है और सरकार भी जनता व जनता के नुमाइंदों की ना सुन अधिकारियों की सुन रही है।

अन्य संगठन आए समर्थन में

फार्मासिस्ट के चल रहे सामूहिक अवकाश के समर्थन में अन्य संगठन भी आए हैं। इस कड़ी में फार्मासिस्ट संगठन एवं प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के फार्मासिस्ट संगठनों का समर्थन मिला। इस मौके पर मधुसूदन खुराना, राजेश गर्ग, अनिल कुमार, नरेश गर्ग, प्रदीप कुमार, राजेश सिगला, नरेश कुमार, मुकेश प्रभा, ममता रानी, राजवंती व अरविद कुमार मौजूद रहे।

दवाओं के लिए भटकते रहें मरीज

सरकारी अस्पतालों में आए मरीज दवा के लिए भटकते नजर आए। कहीं फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन करके किसी को दवाएं मिली तो गलत मिली, खाज खुजली की ट्यूब की जगह पाइल्स की ट्यूब पकड़ा दी गई।

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