पौष अमावस्या 26 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण, स्नान-दान का विशेष महत्व

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लग रहा है। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन लगता है। हिदू पंचांग के अनुसार पौष माह की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 09:55 AM (IST)
पौष अमावस्या 26 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण, स्नान-दान का विशेष महत्व
पौष अमावस्या 26 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण, स्नान-दान का विशेष महत्व

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लग रहा है। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन लगता है। हिदू पंचांग के अनुसार पौष माह की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहते हैं। 26 दिसंबर को पौष अमावस्या है। इस अमावस्या पर सूर्य की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि इस दिन पितृदोष शांति और पिछले जन्म के पापों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए उपाय किए जाते हैं। सूर्य ग्रहण लगने से अमावस्या के ये उपाय सूतक लगने से पहले ही कर लिए जाएंगे। दरअसल सूतक लगने पर मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं। अमावस्या का स्नान-दान और सूर्य ग्रहण का स्नान-दान दोनों किए जाने महत्वपूर्ण हैं। गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संचालक पंडित रामराज कौशिक ने बताया कि सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को सुबह आठ बजकर 18 मिनट और 28 सेकेंड से सूर्यग्रहण कुरुक्षेत्र में दिखाई देगा। इसकी कुल अवधि दो घंटे 36 मिनट 38 सेकेंड रहेगी। यह सूर्यग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा लेकिन इसकी कंकण आकृति केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि दक्षिण भागों में दिखेगी, शेष भारत में यह खंड ग्रास के रूप में दिखाई देगा। पौषमास की मौनी अमावस्या पर मूल नक्षत्र, वृद्धि योग, नागकरण की साक्षी में कंकण आकृति का सूर्य ग्रहण होगा। धनु राशि पर होने वाले ग्रहण में चार ग्रहों मौजूद रहेंगे। खास बात यह है कि सूर्य के साथ अन्य ग्रहों में देवगुरु गुरु भी हैं। ग्रहणकाल के दौरान बृहस्पति 10 अंश 27 कला पर विराजमान रहेंगे तथा केंद्र योग बनाएंगे। यह स्थित ग्रहण में गुरु की प्राधना तथा केंद्र योग व वर्गेत्तम की स्थिति बनाती है। गुरु की 5वीं, 7वीं तथा 9वीं दृष्टि से सूर्य ग्रहण का प्रभाव सकारात्मक होगा।

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