अध्यात्मिक जगत में एक शब्द है कृपा : श्री हरिहर मुदगल

संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी: श्री बजरंग दल सेवा दल द्वारा बारात घर में आयोजित श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास श्री हरिहर मुदगल वृंदावन ने प्रवचन सुनाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Sep 2018 05:19 PM (IST) Updated:Sat, 29 Sep 2018 05:19 PM (IST)
अध्यात्मिक जगत में एक शब्द है कृपा : श्री हरिहर मुदगल
अध्यात्मिक जगत में एक शब्द है कृपा : श्री हरिहर मुदगल

फोटो---12 नंबर है।

संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी: श्री बजरंग दल सेवा दल द्वारा बारात घर में आयोजित श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास श्री हरिहर मुदगल वृंदावन ने प्रवचन सुनाए। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक जगत में एक शब्द है कृपा। विज्ञान की भाषा में इसे परिभाषित करना संभव नहीं है। कभी-कभी बहुत कोशिश से भी काम नहीं बनता तब आपने पाया होगा कि जो काम मेहनत से नहीं बना अब वह अनायास ही बनने लगा। उस प्रभु की कृपा तो सबके ही ऊपर होती है। मगर उसे महसूस कोई-कोई कर पाता है। नफरत से कुछ नही मिलता। मेहनत से कुछ-कुछ मिलता है और प्रभु की रहमत से सब कुछ मिल जाता है। आग्रह से कुछ मिल सकता है मगर अनुग्रह से सब कुछ मिलता है। कभी प्रयास से तो कभी प्रसाद से कई बार बात बन जाती है। इसलिए कर्म तो करते रहो लेकिन प्रभु से प्रार्थना भी करते रहो, अच्छा समय जरूर आएगा। मनुष्य को जीवन अच्छे कर्म करते रहना चाहिए। अच्छे कर्म करने से मन को शांति मिलती है और सुख प्राप्त होता है। उन्होने कहा कि जीवन में सुख दुख का आना जाना लगा रहता है। लोगों को हमेशा परमात्मा का सिमरन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य हर काम के समय निकालता है लेकिन परमात्मा का नाम जपने के लिए उसके पास समय नही है। मनुष्य को दिन में कुछ समय परमात्मा का नाम अवश्य लेना चाहिए। इस अवसर पर प्रधान वेद कटारिया, चेयरमैन ओमप्रकाश कटारिया, मा. टेकचंद, मनोहर लाल धवन, जयप्रकाश वर्मा, विजय अरोड़ा, र¨वद्र कत्याल, ओमप्रकाश व तिलक चावला उपस्थित रहे।

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