प्रकृति बिना मांगें देती सबकुछ : रमनीक महाराज

जगत सद्भावना संस्थान के सानिध्य में निर्मल विहार में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन डॉ. रमनीक कृष्ण महाराज ने प्रकृति को परमात्मा का रूप बताते हुए कहा कि प्रकृति बिना कुछ मांगे सबकुछ देती है। सूर्य मानव को समय पर प्रकाश देता है। चन्द्रमा शीतलता देता है और जल हमारे जीवन को पवित्रता प्रदान करता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 May 2018 06:18 PM (IST) Updated:Fri, 11 May 2018 06:18 PM (IST)
प्रकृति बिना मांगें देती सबकुछ : रमनीक महाराज
प्रकृति बिना मांगें देती सबकुछ : रमनीक महाराज

जासं, करनाल : जगत सद्भावना संस्थान के सानिध्य में निर्मल विहार में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन डॉ. रमनीक कृष्ण महाराज ने प्रकृति को परमात्मा का रूप बताते हुए कहा कि प्रकृति बिना कुछ मांगे सबकुछ देती है। सूर्य मानव को समय पर प्रकाश देता है। चन्द्रमा शीतलता देता है और जल हमारे जीवन को पवित्रता प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि वायु हमारे जीवन की प्राणवायु है। मानव प्रकृति व परमात्मा के किए हुए उपकारों को भूल जाता है, यही उसकी सबसे बड़ी भूल है। इंसान भगवान का कभी इस बात का धन्यवाद नहीं करता कि प्रभु आपने मुझे अपना दर्शन करने के लिए दो सुंदर नेत्र दिए। आपकी कथाओं को सुनने के लिए कान दिए। सबकी सेवा करने के लिए दो हाथ दिए। तीर्थ यात्राओं को करने के लिए दो पैर दिए।

उन्होंने कहा कि भगवान के दिए हुए इस उपहार रूपी तन से बड़ा उपहार हमें और क्या मिल सकता है। ये तन ही है, जिससे मानव अपने समस्त मनोरथों को करता हुआ ईश्वर को प्राप्त कर सकता है इसलिए हमें अपने जीवन की प्रत्येक स्थिति में अपने परमात्मा का धन्यवाद करना चाहिए।

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