तस्करी में अधिकतर फंसते हैं महिला-बच्चे: राजकुमार

हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में मानव तस्करी रोकथाम विषय पर पांच दिवसीय उत्तर क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 08:39 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 08:39 AM (IST)
तस्करी में अधिकतर फंसते हैं महिला-बच्चे: राजकुमार
तस्करी में अधिकतर फंसते हैं महिला-बच्चे: राजकुमार

संवाद सहयोगी, घरौंडा: हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में मानव तस्करी रोकथाम विषय पर पांच दिवसीय उत्तर क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायक उपनिरीक्षक से निरीक्षक पद तक के 18 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। कोर्स निदेशक और अकादमी के पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार ने कहा कि तस्करी में अधिकतर बच्चे और महिलाएं होते हैं जो सचेत रहते है वे ही मानव तस्करी से सुरक्षित रहते हैं। अधिकतर महिलाओं व बच्चों को यौन शोषण और मजदूरी, बच्चों को भीख मंगवाने और मानव अंगों की तस्करी के लिए ले जाया जाता है। जो बच्चे और महिलाएं अपने परिवार से अलग हो जाते हैं, जिनका कोई संरक्षक नहीं है हमें उनको सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून की जानकारी और जागरूकता हमें ताकतवर और मजबूत बनाती है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए अकादमी के निदेशक और इंचार्ज मधुबन पुलिस परिसर एडीजीपी श्रीकांत जाधव और पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो नई दिल्ली का आभार प्रकट किया। आगामी सत्र में नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता शशांक शेखर ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीने का, सुरक्षा का, विकास का, भागीदारी के प्रमुख अधिकार होते हैं। बच्चे को सुने, बच्चे को बोलने दें और उसके अधिकारों को ध्यान में रखकर उससे बातचीत करके हम बच्चों को मानव तस्करी का शिकार होने से बचा सकते हैं। बच्चों की गुमशुदगी के मामलों की गंभीरता तथा तफ्तीश करते समय किन-किन पहलुओं को मद्देनजर रखना चाहिए। इस विषय पर भी बल दिया गया।

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