दोगुनी तेजी से बढ़ाएंगे मिशन, हरियाणा को बनाएंगे नंबर वन

पवन शर्मा करनाल हरियाणा में कहावत है-दूध-दही का खाना ऐसा म्हारा हरियाणा। तमाम चुनौतियों के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 06:15 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 06:15 PM (IST)
दोगुनी तेजी से बढ़ाएंगे मिशन, हरियाणा को बनाएंगे नंबर वन
दोगुनी तेजी से बढ़ाएंगे मिशन, हरियाणा को बनाएंगे नंबर वन

पवन शर्मा, करनाल: हरियाणा में कहावत है-दूध-दही का खाना, ऐसा म्हारा हरियाणा। तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य इस कसौटी पर खरा उतरने के लिए आज भी भरसक प्रयास कर रहा है। हालाकि दूध उत्पादन में अभी हम पंजाब से आगे नहीं निकल पाए लेकिन बिहार व तमिलनाड़ू सरीखे राज्यों को हमने पीछे छोड़ दिया है। फिलहाल देश के दस टॉप दूध उत्पादक राज्यों में हरियाणा आठवें स्थान पर है। करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने तय किया है कि शोध-अनुसंधान में तेजी लाने के साथ दूध उत्पादन में स्थिति सुधारने का मिशन दोगुनी तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार द्वारा हाल में डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए गठित 15 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की अहम भूमिका रहेगी, जिससे पशुपालन के साथ डेयरी प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन व अन्य पहलुओं पर ध्यान देते हुए किसानों में नॉलेज अपडेट किया जाएगा।

कोरोना महामारी ने ऐसा कहर बरपाया कि तमाम दूसरे क्षेत्रों के साथ पशुपालन और डेयरी उद्योग पर भी इसका बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। देश भर में किसानों को उनकी कुल आय का लगभग 13 फीसदी भाग पशुपालन से प्राप्त होता है। पशुधन हर परिस्थिति में उत्पादन जारी रखता है और मवेशियों को खाने के लिए भी रोजाना पर्याप्त खुराक चाहिए लेकिन लॉकडाउन में नियमित उत्पादन होने के बावजूद दूध की खपत नहीं हुई। रेस्टोरेंट, होटल, ढाबे और व मिठाई की दुकानें आदि बंद हो गए और ट्रासपोर्टेशन भी रुका रहा। इससे दूध की सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई।

एनडीआरआइ के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान बताते हैं कि मौजूदा हालात के मद्देनजर भारत सरकार खास तौर पर डेयरी सेक्टर के लिए तमाम महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इनमें 15 हजार करोड़ रुपये के पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड एएचआइडीएफ के निर्माण सहित डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज अनुदान की सुविधा उल्लेखनीय है। इससे डेयरी प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन व पशु आहार सरीखे क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। 5500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता से करीब दो करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा। एनडीआरआइ के विज्ञानियों की पूरी टीम इस पूरी परिकल्पना को दोगुनी तेजी के साथ मूर्त रूप देने के लिए पूरी तरह तैयार है। संस्थान में करीब उम्दा नस्ल के करीब 2500 पशु हैं, जिनसे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए अनवरत शोध-अनुसंधान किया जा रहा है।

दूध की सप्लाई चेन प्रभावित

आकड़ों की बात करें तो देश में रोजाना करीब 50 करोड़ लीटर दूध उत्पादित होता है, जिसमें 20 करोड़ लीटर की घरेलू खपत शामिल है। 30 करोड़ लीटर दूध सहकारी संस्थाओं व निजी डेरी कंपनियों के जरिए बाजारों में आता है। लॉकडाउन के दौरान यह खपत व्यापक प्रभावित हुई। हालाकि, सहकारी संस्थाओं ने क्षमता से आठ फीसदी ज्यादा दूध जुटाकर डेयरी किसानों को राहत जरूर दी मगर इनके दायरे में देश के 25 फीसदी से कम डेरी किसान हैं।

आठवें स्थान पर हरियाणा

एनडीआरआइ के प्रधान वैज्ञानिक डा. एके डाग बताते हैं कि देश में 2018-19 में कुल दूध उत्पादन 187.7 मिलियन टन रहा जबकि हरियाणा में इसका औसत 10.7 मिलियन टन है। इसी प्रकार हरियाणा में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 1087 ग्राम प्रतिदिन है। जबकि देश में यह 394 ग्राम प्रतिदिन है। फिलहाल दुग्ध उत्पादक राज्यों में हरियाणा आठवें स्थान पर है। बिहार व तमिलनाड़ू सरीखे राज्य हमसे पीछे हैं।

देश के 10 टॉप दूध उत्पादक राज्य

उत्तर प्रदेश - 30.5

राजस्थान - 23.6

मध्य प्रदेश - 15.9

आध्र प्रदेश - 15.0

गुजरात - 14.4

पंजाब - 12.5

महाराष्ट्र - 11.6

हरियाणा - 10.7

बिहार -9.8

तमिलनाड़ू - 8.3

भारत में दुग्ध उत्पादन

2017-18 176.3 मिलियन टन

2018-19 में 187.7 मिलियन टन

भारत में प्रति व्यक्ति उपलब्धता

2017-18 - 375 ग्राम

2018-17 - 394 ग्राम हरियाणा में दुग्ध उत्पादन

2017-18 - 9.8 मिलियन टन

2018-19 - 10.7 मिलियन टन

पंजाब में दुग्ध उत्पादन

2017-18 - 11.8 मिलियन टन

2018-19 - 12.5 मिलियन टन

हरियाणा में प्रति व्यक्ति उपलब्धता

2017-18 - 1005 ग्राम प्रतिदिन

2018-19 - 1087 ग्राम प्रतिदिन

पंजाब में प्रति व्यक्ति उपलब्धता

2017-18 - 1120 ग्राम प्रतिदिन

2018-19 - 1181 ग्राम प्रतिदिन

देश में प्रति व्यक्ति उपलब्धता

2017-18 - 375 ग्राम प्रतिदिन

2018-19 - 394 ग्राम प्रतिदिन

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