खेतों से चोरी हो रहे ट्रांसफार्मर, पुलिस नहीं पकड़ पा रही चोर

ग्रामीण बिजली वितरण निगम के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो जनवरी से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक कुल 65 ट्रांसफार्मर चोरी हुए। सबसे ज्यादा जनवरी और अप्रैल माह में चोरी हुए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 08:39 AM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 06:19 AM (IST)
खेतों से चोरी हो रहे ट्रांसफार्मर, पुलिस नहीं पकड़ पा रही चोर
खेतों से चोरी हो रहे ट्रांसफार्मर, पुलिस नहीं पकड़ पा रही चोर

संवाद सहयोगी, घरौंडा : क्षेत्र में इन दिनों ट्रांसफार्मर चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। अब तक 65 ट्रांसफार्मर चोरी हो चुके हैं। ग्रामीण बिजली वितरण निगम को लगभग 47 लाख 75 हजार रुपये से ज्यादा का चूना लग चुका है।

ग्रामीण बिजली वितरण निगम के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो जनवरी से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक कुल 65 ट्रांसफार्मर चोरी हुए। सबसे ज्यादा जनवरी और अप्रैल माह में चोरी हुए। जनवरी में जहां 13 और अप्रैल में यह आंकड़ा 15 पर पहुंच गया था। अन्य महीनों में चोरी की वारदात दो और सात के बीच रही।

एक ट्रांसफार्मर चोरी पर होता है 60 से 70 हजार का नुकसान

बिजली वितरण निगम के अधिकारियों की मानें तो चोर ट्रांसफार्मर की बॉडी मौके पर ही छोड़ देते हैं और उसमें से कॉपर या एल्यूमिनियम वायर, तेल व अन्य सामान भी चोरी कर ले जाते हैं। निगम के अधिकारियों के मुताबिक, सामान्य तौर पर एक ट्रांसफार्मर चोरी होने पर निगम को 60 से 70 हजार का नुकसान होता है।

बढ़ रही किसानों की मुश्किलें

भाकियू के ब्लॉक महासचिव टेकचंद दहिया व किसान नेता सेवा सिंह आर्य का कहना है कि सीजन के दौरान ट्रांसफार्मर चोरी हो जाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। ट्रांसफार्मर चोरी होने की सूचना निगम को देनी पड़ती है। कई-कई बार बिजली कार्यालय में चक्कर काटने पड़ते है। मिन्नतें करने के बाद अधिकारी मौका देखते हैं। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाती है। एफआइआर के आधार पर नया ट्रांसफार्मर लेने के लिए आवेदन देना पड़ता है। इसमें किसान को खर्च होने वाली राशि का एक चौथाई हिस्सा देना पड़ता है। नया ट्रांसफार्मर ईशू करवाने में ही कई महीने बीत जाते हैं। चक्कर काटने के बाद यदि ट्रांसफार्मर मिल भी जाता है तो उसे खेत तक पहुंचाना किसान की ही जिम्मेदारी होती है।

निगम को लग चुका है लाखों का चूना

ग्रामीण बिजली वितरण निगम के एसडीओ मनीष लांबा का कहना है कि चोर कॉपर वाले ट्रांसफार्मरों को निशाना बनाते हैं। उस समय का फायदा उठाते हैं, जब किसान खेतों में कम जाता है। ट्रांसफार्मर चोरी की वारदातें लगातार हो रही हैं। इसके साथ निगम व पीड़ित किसान की परेशानी भी बढ़ रही है।

थाना प्रभारी सचिन कुमार ने बताया कि ट्रांसफार्मर चोरों को पकड़ने के लिए मुखबिर लगाए हुए हैं। जल्द ही उन्हें पकड़ लेंगे।

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