स्टेट: गड़बड़झाला या लापरवाही, खिलाड़ियों के खाते में पात्रता से अधिक करोड़ों का भुगतान

खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग का कारनामा वर्ष 2017-18 में कैश अवार्ड के लिए दावा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 06:50 AM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 06:50 AM (IST)
स्टेट: गड़बड़झाला या लापरवाही, खिलाड़ियों के खाते में पात्रता से अधिक करोड़ों का भुगतान
स्टेट: गड़बड़झाला या लापरवाही, खिलाड़ियों के खाते में पात्रता से अधिक करोड़ों का भुगतान

एक्सक्लूसिव - खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग का कारनामा, वर्ष 2017-18 में कैश अवार्ड के लिए दावा करने वाले खिलाड़ियों को निर्धारित से तीन गुना अधिक मिली राशि

- इस मामले में गठित कमेटी से मुख्यालय ने एक सप्ताह के भीतर मांगा जवाब, गिर सकती है गाज जागरण संवाददाता, करनाल

यह गड़बड़झाला है या फिर अधिकारियों की लापरवाही। वर्ष 2017-18 कैश अवार्ड का दावा करने वाले छह खिलाड़ियों के खातों में पात्रता से तीन गुना अधिक राशि डाल दी। विभाग को भी एक साल बाद होश आया, जब पता चला कि उनकी राशि 1 करोड़ 46 लाख 25 हजार बनती थी लेकिन उनके खाते में 4 करोड़ 36 लाख 87 हजार 500 रुपये का भुगतान किया गया है। इन पुरस्कारों के वितरण को लेकर कमेटी सदस्यों पर अब कार्रवाई का खतरा मंडराने लगा है। सभी सदस्यों को नोटिस जारी कर करीब 2 करोड़ 98 लाख 12 हजार 500 रुपये की रिकवरी के लिए पत्र लिखा गया है। यह गड़बड़ी कैसे हुई, इस संबंध में स्पष्टीकरण भी मांगा है। गड़बड़ी के बाद कमेटी के सदस्यों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। हालांकि खिलाड़ियों ने इस राशि के वितरण को नियमों के अनुसार सही बताया है। बॉक्स

पंचकूला सहित जींद, यमुनानगर के प्रशिक्षक रहे कमेटी सदस्य

वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता व प्रतिभागी खिलाड़ियों को नकद पुरुस्कार देने के संबंध में कमेटी गठित की गई थी। सूत्रों के अनुसार 12 सदस्यीय कमेटी सदस्यों में पंचकूला सहित जींद, यमुनानगर के प्रशिक्षक भी शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान लगी आचार संहिता के चलते राशि जारी नहीं की जा सकी थी, लेकिन बाद में विभाग की ओर से प्रदेश के खिलाड़ियों को कैश अवार्ड के तौर पर करोड़ों रुपये जारी किए गए। जर्मनी में 22 से 29 जून-2017 में आइएसएसएफ जूनियर व‌र्ल्ड चैंपियनशिन में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को भुगतान की गई राशि पर सवाल उठाया जा रहा है। इनमें अधिकतर खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनके पास सरकारी नौकरी नहीं है और नकद पुरस्कार के आधार पर ही अपने खेल के अभ्यास को जारी रख पाते हैं। विभाग के अनुसार सही भुगतान लगभग 1.46 करोड़ रुपये बनता है जबकि खिलाड़ियों के खाते में 2.98 करोड़ रुपये रिकवरी के लिए पत्राचार में जुटा हुआ है। ---बॉक्स---

पात्रता के अनुसार ही मिला अवार्ड

नाम न छापने की शर्त पर एक खिलाड़ी ने बताया कि कैश अवार्ड के लिए लेटलतीफी के चलते काफी इंतजार करना करना पड़ा था। बाद में जब आवेदन मांगे गए तो जीते गए मेडल के आधार पर ही जिला खेल कार्यालय में दस्तावेज जमा करवाए गए थे। जिला स्तर पर स्क्रूटनी होने के बाद दस्तावेजों को मुख्यालय भेजा गया था। मुख्यालय स्तर पर कमेटी सदस्यों द्वारा नकद पुरस्कार के लिए लाभार्थी माना गया था। विभाग द्वारा जारी पत्र में उक्त चैंपियनशिप को दो साल के साइकिल में दिखाया गया है, जबकि वर्ष-2017 के बाद अब यह चैंपियनशिप वर्ष-2021 में होगी। इसकी जानकारी ऑनलाइन भी उपलब्ध की जा सकती है। चार साल के साइकिल के अनुसार उनके खाते में डाली गई राशि जायज है। ---बॉक्स---

कैश अवार्ड से खेल अभ्यास चालू रख पाते हैं खिलाड़ी

प्रदेश सरकार खिलाड़ियों की हौसला अफजाई के लिए नकद पुरस्कार वितरित करती है। हरियाणा में पदक विजेता खिलाड़ियों को वर्ष-1999 से कैश अवार्ड मिल रहा है। बाद में हरियाणा स्पो‌र्ट्स एंड फिजिकल फिटनेस पॉलिसी-2015 बनाई गई, जिसके अनुसार पुरस्कार राशि बांटने के नियमों में बदलाव किया गया। योजना के अनुसार ओलिपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, व‌र्ल्ड चैंपियनशिप, व‌र्ल्ड यूनिवर्सिटी, यूथ ओलिपिक, यूथ एशियन गेम्स, एशियन व कॉमनवेल्थ, यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स, सैफ गेम्स, नेशनल गेम्स, नेशनल चैंपियनशिप, नेशनल स्कूल गेम्स, इंटर यूनिवर्सिटी, नेशनल विमिन गेम्स में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को नकद राशि से प्रोत्साहित किया जाता है। प्रोत्साहित राशि से अधिकतर खिलाड़ी अपनी जरूरतों को पूरा कर खेल अभ्यास को चालू रख पाते हैं। गोल्ड विजेता को 30 लाख की जगह 1,12,50,000 रुपये का भुगतान

विभाग के अधिकारियों ने सवाल उठाया है कि आइएसएसएफ जूनियर व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को पात्रता से अधिक नकद पुरस्कार देने के बारे में कमेटी सदस्यों द्वारा सिफारिश की गई। गोल्ड विजेता को 30 लाख रुपये का भुगतान करना था, जबकि उसके खाते में 1,12,50,000 डाले गए हैं। इसी तरह, ब्रांज जीतने वाले खिलाड़ी को 15 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था, जबकि 37,50,000 रुपये का भुगतान कर दिया गया। वहीं, चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी को 3,75,000 हजार रुपये की राशि जारी करनी थी, लेकिन उसे 5,62,500 रुपये नकद पुरस्कार दे दिया गया। विशेष है कि उक्त छह खिलाड़ियों में एक खिलाड़ी ने दो गोल्ड और एक ब्रांज मेडल जीतने पर आवेदन किया था, जिसकी रिकवरी 1,87,50,000 रुपये दिखाई गई है।

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इस विषय में अभी कार्रवाई बाकी : डा. फुलिया

खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के निदेशक डा. एसएस फुलिया ने बताया कि खिलाड़ियों के खातों में पात्रता से अधिक राशि डाले जाने पर कमेटी सदस्यों से जवाब मांगा गया है। जिला स्तर पर दस्तावेजों की स्क्रूटनी के बाद मुख्यालय में भी जांच की जाती है। किस स्तर पर गलती हुई है, फिलहाल इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। मामले में आंकलन किया जा रहा है और जांच कमेटी सदस्यों की ओर से अनेक पहलुओं पर मंथन किया जा रहा है। खामी पाई जाती है तो कमेटी सदस्यों पर कार्रवाई के लिए विभाग स्वतंत्र होगा।

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