धान की फर्जी खरीद का कमाल : सीजन खत्म होने से पहले ही घरौंडा मंडी ने ब्रेक किया पिछले साल की आवक का रिकार्ड

जागरण संवाददाता करनाल घरौंडा अनाज मंडी में धान की फर्जी खरीद का ही कमाल है कि पिछले साल की तुलना में 67 हजार 782 क्विंटल धान की आवक ज्यादा हो चुकी है। वह भी तब जबकि इस बार धान का उत्पादन औसतन है। इसके साथ ही बारिश की वजह से फसल खराब हुई है। ऐसे में यह अतिरिक्त धान आया कहां से? यह बड़ा सवाल है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Oct 2018 01:44 AM (IST) Updated:Wed, 24 Oct 2018 01:44 AM (IST)
धान की फर्जी खरीद का कमाल : सीजन खत्म होने से पहले ही  घरौंडा मंडी ने ब्रेक किया पिछले साल की आवक का रिकार्ड
धान की फर्जी खरीद का कमाल : सीजन खत्म होने से पहले ही घरौंडा मंडी ने ब्रेक किया पिछले साल की आवक का रिकार्ड

जागरण संवाददाता करनाल

घरौंडा अनाज मंडी में धान की फर्जी खरीद का ही कमाल है कि पिछले साल की तुलना में 67 हजार 782 क्विंटल धान की आवक ज्यादा हो चुकी है। वह भी तब जबकि इस बार धान का उत्पादन औसतन है। इसके साथ ही बारिश की वजह से फसल खराब हुई है। ऐसे में यह अतिरिक्त धान आया कहां से? यह बड़ा सवाल है। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने सीएम को इस बारे में एक पत्र लिखकर मांग की कि इस मामले की जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह न सिर्फ किसानों के हितों पर सरेआम डाका है, बल्कि षड्यंत्र कर गरीब का भोजन भी छीना जा रहा है। कृषि विशेषज्ञ भी इस बात को लेकर हैरान है कि आखिर कैसे इतने खराब मौसम होने के बाद भी घरौंडा मंडी में धान की आवक पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। खाद्य आपूर्ति अधिकारी कुशल बूरा ने बताया कि कई बार दूसरे जिलों से धान आ जाती है। इस वजह से आवक बढ़ जाती है। इसलिए खरीद पर उठ रहा सवाल

करनाल अनाज मंडी जो कि बड़ी मंडी मानी जाती रही है, यहां अभी तक पिछले साल की तुलना में आठ हजार 482 क्विंटल धान कम आया है। इस तरह से जिले की बाकी मंडियों में भी पिछले साल की तुलना में अपेक्षाकृत कम आवक है। ऐसे में एक मंडी में आवक बढ़ना सवाल खड़ा करता है। कुटेल रोड के ज्यादातर मिल बारीक चावल का काम करते हैं

यहां मंडी से सरकारी खरीद में लिया धान ज्यादातर कुटेल रोड पर स्थित राइस मिलर्स को दिया गया है। कुछ राइस मिल को यदि छोड़ दिया जाए तो यहां पर सिर्फ बासमती चावल का ही काम होता है। बासमती चावल का काम करने वाले मिलर्स सामान्य किस्म के धान की कुटाई कैसे करेंगे? तो गड़बड़ी क्या है?

सरकारी खरीद में बासमती धान नहीं आती। अब कागजों में तो दिखाया गया है, साधारण धान सरकारी खरीद में लिया दिखाया, लेकिन लिया गया बासमती। इधर गड़बड़ी करने वाले राइस मिलर्स ने पहले ही सस्ते दाम बिहार और यूपी से चावल मंगा कर गोदामों में रखा है। बाद में इस चावल को एफसीआइ को सप्लाई कर देंगे। इधर, बासमती चावल को महंगे दाम पर खुली मार्केट में बेच देंगे। पिछले दिनों मिल चुका है बिहार का चावल

पिछले दिनों एसडीएम की अध्यक्षता में गठित टीम ने जांच की तो बिहार का चावल राइस मिलर्स के गोदामों में मिला था। आरटीआइ एक्टिविस्ट अश्वनी कुमार ने बताया कि एक माह से लगातार चावल बिहार से यहां आ रहा है।

chat bot
आपका साथी