बेहतर पैदावार के लिए अच्छी किस्म का स्वस्थ बीज होना जरूरी : डॉ. केवी प्रभु

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्था में उद्यमिता विकास के लिए रबी फसलों के सहभागी बीज उत्पादन पर 10 दिनव का लघु पाठयक्रम का शनिवार को समापन हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Feb 2020 09:10 AM (IST) Updated:Sun, 16 Feb 2020 09:10 AM (IST)
बेहतर पैदावार के लिए अच्छी किस्म का स्वस्थ बीज होना जरूरी : डॉ. केवी प्रभु
बेहतर पैदावार के लिए अच्छी किस्म का स्वस्थ बीज होना जरूरी : डॉ. केवी प्रभु

जागरण संवाददाता, करनाल : भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में उद्यमिता विकास के लिए रबी फसलों के सहभागी बीज उत्पादन पर 10 दिन का लघु पाठयक्रम का शनिवार को समापन हो गया। इसमें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. केवी प्रभु ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

डॉ. प्रभु ने प्रस्तावित बीज विधेयक के प्रमुख बिदुओं और बीज क्षेत्र में उद्यमिता विकास के अवसर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बेहतर उत्पादन के लिए अच्छी किस्म का स्वस्थ बीज उपलब्ध होना जरूरी है। संस्थान के निदेशक डॉ. जीपी सिंह ने संस्थान के अनुसंधान और बीज उत्पादन गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों के लिए बीज की गुणवत्ता और स्वस्थ बीजों का महत्व बताया। स्वस्थ बीज के उपयोग के माध्यम से किसान अतिरिक्त लागत के बिना फसल उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि गेहूं और जौ पर शोध कर गेहूं की लगभग पांच सौ किस्मों और जौ की लगभग सौ किस्मों को विकसित किया गया है। अच्छी तरह से संगठित बीज उत्पादन कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान आपूर्ति श्रृंखला में गुणवत्ता वाले बीज वितरित कर रहा है।

डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने फसल सुधार ने लाभ के लिए बीज क्षेत्र में छोटे और सीमांत किसानों के मुद्दों पर प्रकाश डाला। डॉ. सीएन मिश्रा ने बताया कि लघु पाठ्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने प्रायोजित किया है। उसमें 10 राज्यों के 25 वैज्ञानिकों एवं सहायक प्रोफेसरों ने भाग लिया। बीज प्रसंस्करण, परीक्षण और प्रमाणन में शामिल सार्वजनिक और निजी एजेंसियों के पांच एक्सपोजर विजिट कराए गए। डॉ. अमित, और कोर्स कोऑर्डिनेटर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और वर्ष 2020 के दौरान तकनीकी कार्यक्रमों और 6000 क्विटल गेहूं के बीज उत्पादन लक्ष्य के बारे में जानकारी दी। इस दौरान डॉ. पूनम जसरोटिया, कोर्स कोऑर्डिनेटर एवं वैज्ञानिक ने अतिथियों का स्वागत किया।

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