खराब पानी से निसिग में फैला डायरिया, दो नमूने फेल

बीते सप्ताह निसिग कस्बे में डायरिया फैलने से लोग दहशत में आ गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 07:35 AM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 07:35 AM (IST)
खराब पानी से निसिग में फैला डायरिया, दो नमूने फेल
खराब पानी से निसिग में फैला डायरिया, दो नमूने फेल

संवाद सूत्र, निसिग : बीते सप्ताह निसिग कस्बे में डायरिया फैलने से लोग दहशत में आ गए थे। कई वार्डो में लगातार डायरिया के केस बढ़ रहे थे। इससे हरकत में आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ब्लड व पानी के डोर टू डोर सैंपल एकत्रित किए थे। जांच में छह में से पानी के दो सैंपल फेल पाए गए। साफ हो गया कि खराब पानी के कारण ही ऐसे हालात बने।

डा. नरेश कुमार ने बताया कि अभी तक ब्लड सैंपल की रिपोर्ट नही आई है। जबकि पानी के फेल हुए सैंपलों की लिखित रिपोर्ट जनस्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि डायरिया फैलने के कई अन्य कारण भी संभव हैं। हालांकि डायरियां फैलने के बाद जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी नींद टूटी। उन्होंने विभिन्न वार्डों की गलियों में जाकर लीकेज जांची।

विभाग के जेईई व एसडीओ निसिग में पहुंच टयूबवेलों पर डोजर मशीनों के दुरुस्त होने की जांच एवं पानी में दवा की स्पलाई को भी जांच रहे है। स्वच्छ पेयजल आपूर्ति मिलने से डायरिया के केस दिनप्रतिदिन घट रहे हैं। वीरवार को सीएचसी में महज डायरिया के पांच से छह केस ही एडमिट मिले। टैंकर का पानी पी रहे थे लोग

वार्ड नंबर आठ में गंदे पानी की सप्लाई के कारण लोगों ने नलों का पानी पीना बंद कर दिया था। वार्डवासी नपा द्वारा मुहैया करवाए गए टैंकर का पानी पी रहे थे। जो पर्यापत मात्रा में नहीं मिलता था। जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने जब गंदे पानी की वजह तलाशी तो स्थानीय बस स्टैंड के सामने गली में वाटर स्पलाई व सीवरेज की पाईप लाइन टूटी हुई मिली। सीवरेज का गंदा पानी वाटर सप्लाई के जरिए मिक्स होकर लोगों की रसोई तक पहुंचता था। जिस कारण गंदे पानी के सेवन से लोग बीमार हो रहे थे। जिसकी खोदाई कर बंद कर दिया गया। इसके अलावा भी कई अन्य वार्डों में लीकेज बंद की गई। इस संबंध में विभाग के एक्सईएन प्रशांत सिलवानिया का कहना था किे उनकी ओर से मामले को गंभीरता से लेते हुए लीकेज बंद करवाई जा रही है। लोगों द्वारा अपने अपने अवैध कनेक्शन लगा लिए जाते है। इनमें लीकेज संभव है। डायरिया से ऐसे बन गए थे हालात

कस्बे के वार्ड एक, तीन व नौ में डायरिया के सबसे अधिक केस सामने आ रहे थे। सीएचसी में एक दिन में दस से 15 मरीज उपचार के लिए पहुंचते थे। एसएमओ डा राजेश जौहरी ने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर मीटिग के लिए बुलाया। टयूबवेल ओपरेटरों के साथ बातचीत कर स्वच्छ सप्लाई की दिशा में प्रयास करते हुए स्वास्थ्य व जनस्वास्थ्य विभाग की साझी टीम गठित की गई। लोगों से भी लीकेज बताने की अपील की गई।

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