कलवेहड़ी गांव के बच्चों को पांच साल में भी नहीं मिला पार्क

गांव कलवेहड़ी में विधायक हरविद्र कल्याण के नाम से लगे शिलान्यास पट की हालत विकास का आईना दिखा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 08:05 AM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 08:05 AM (IST)
कलवेहड़ी गांव के बच्चों को पांच साल में भी नहीं मिला पार्क
कलवेहड़ी गांव के बच्चों को पांच साल में भी नहीं मिला पार्क

जागरण संवाददाता, करनाल: गांव कलवेहड़ी में विधायक हरविद्र कल्याण के नाम से लगे शिलान्यास पट की हालत विकास का आईना दिखा रही है। यहां के ग्रामीण जोहड़ की जगह पर पार्क बनने का सपना देख रहे हैं। शिलान्यास पट की हालत और गांव में जंगाल लगे बोर्ड बता रहे हैं कि यहां के जनप्रतिनिधि विकास को लेकर गंभीर नहीं हैं। पुलिस का पहरा न होने के कारण शाम ढलते ही सरकारी स्कूल में नशेड़ी जमा हो जाते हैं। गांव में नशे पर रोक लगाने में प्रशासनिक अधिकारी कोई अभियान नहीं चला सके। ग्रामीणों के अनुसार गांव को शहर बनाने का दावा करने वाले नेता अपने भाषणों में झूठ बोलते हैं। बुजुर्गों के लिए बैठने की जगह नहीं

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प्रमोद ने बताया कि सेक्टर-33 हमारे गांव से दूर नहीं है, लेकिन राजनेताओं की आलस्य के कारण अभी तक यहां विकास नहीं कराया जा सका है। गांव में बुजुर्गों के पास बैठने के लिए जगह नहीं और बच्चों के पास खेलने के लिए पार्क। सरकारी स्कूल और पशु अस्पताल की हालत से जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जोहड़ की जगह नहीं बना पार्क

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प्रवीण कुमार ने कहा कि गांव के जोहड़ पर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के पास कोई योजना नहीं है। स्ट्रीट लाइट के नाम पर लोगों को अंधेरा मिला है। विकास के नाम पर गांव में विधायक हरविद्र कल्याण के नाम का खस्ताहाल शिलान्यास पट और जंगाल खा चुके बोर्ड देखे जा सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को एक बार गांव में खर्च का हिसाब जरूर लेना चाहिए। पशु अस्पताल की हालत दयनीय

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अरविद ने बताया कि गांव में पशुओं की बीमारी के लिए मोटी फीस खर्च करके डॉक्टर बुलाना पड़ता है, जबकि पशु अस्पताल की हालत दयनीय है। रोजगार के अवसर, स्वच्छ पेयजल, स्ट्रीट लाइट, पौधारोपण, शहरों जैसे गांव आदि उपलब्ध कराने के दावों को यहां सिरे नहीं चढ़ाया जा सका है। गांव की प्रत्येक गली में गंदगी पड़ी है और जोहड़ में जमा हो रहा दूषित पानी दुर्गंध फैला रहा है। नशे के विरोध में जागरूक हों युवा

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नीरज कुमार ने बताया कि नशे के विरोध में गांव में जागरूक अभियान चलाना चाहिए। लंबे समय से शाम होते ही सरकारी स्कूल में नशेड़ी अपना अड्डा बना लेते हैं। गांव में बढ़ते नशे पर रोक लगनी चाहिए, जिससे कि क्षेत्र में विकास के प्रति युवा जागरूक हो सकें। स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले सरकारी स्कूल में शौचालय गंदगी से अटे हैं।

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